पूर्व NSE अफसर आनंद सुब्रमण्यम ही है अदृश्य बाबा जिसके आदेश से चलती थीं MD चित्रा रामकृष्ण

CBI की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुा है कि एनएसई के पूर्व अधिकारी आनंद सुब्रहमण्यम ही थे वो अदृश्य योगी जिसके ईमेल आदेश पर काम करती रहीं तत्कालीन NSE चीफ चित्रा रामकृष्ण

Updated: Feb 25, 2022, 03:53 PM IST

Photo Courtesy: ndtv
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नई दिल्ली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE में अदृश्य बाबा बनकर धोखाधड़ी करनेवाला कोई और नहीं उसका पूर्व अफसर आनंद सुब्रहमण्यम ही था। सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि NSE की पूर्व CEO एवं MD चित्रा रामकृष्ण के चीफ स्ट्रेटजिक ऑफिसर के रूप में नियुक्ति का आदेश देनेवाले और गुप्त बाबा के नाम पर ईमेल भेजनेवाले शख्स सुब्रह्मयम ही थे। सीबीआई ने उन्हें स्टॉक मार्केट में मैनिपुलेशन के आरोप में चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है।

सीबीआई ने एनएसई के पूर्व सीओओ रहे आनंद सुब्रमण्यम को ही हिमालय के रहस्यमयी बाबा माना है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी से पहले सीबीआई ने आनंद सुब्रमण्यम से चेन्नई में तीन दिनों तक पूछताछ की थी। सुब्रमण्यम को स्ट्रेटजिक ऑफिसर पद पर नियुक्ति किस तरह मिली और  तत्कालीन मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ चित्रा रामकृष्ण के साथ उनके क्या रिश्ते थे, सीबीआई इन सवालों के जवाब तलाशते हुए ही उन्हें गिरफ्तार कर ले गयी है। 

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इससे पहले NSE के पूर्व चेयरमैन अशोक चावला ने सेबी को पत्र लिखकर कहा था कि रहस्यमयी हिमालयी 'योगी' जिसने कथित तौर पर चित्रा रामकृष्ण को महत्वपूर्ण मामलों पर सलाह दी थी, वह कोई और नहीं बल्कि आनंद सुब्रमण्यम हो सकते हैं। दरअसल, सेबी की बीते 11 फरवरी को जारी रिपोर्ट से सामने आए कुछ नए तथ्यों के संदर्भ में CBI ने एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा और रवि नारायण से भी पूछताछ की थी। 

सेबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि चित्रा किसी हिमालय के रहस्यमय योगी की सलाह पर कामकाज से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लेती थीं और उसी के कहने पर सुब्रमण्यम को अपना सलाहकार एवं मुख्य रणनीतिक सलाहकार भी बनाया था। सेबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में एनएसई की तत्कालीन सीईओ एंड एमडी रामकृष्ण ने आनंद सुब्रमण्यम को चीफ स्ट्रेटजिक ऑफिसर नियुक्त किया था जबकि इससे पहले एनएसई में ऐसी कोई पोस्ट नहीं थी।

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सुब्रमण्यम इसके पहले Balmer Lawrie नामक फर्म में काम कर रहे थे जहां उनका सालाना पैकेज 15 लाख रुपये था। लेकिन एनएसई में 1.38 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया। आनंद को एक अप्रैल 2013 को एनएसई में नियुक्त किया गया और उसी दिन उनकी पत्नी सुनीता आनंद को भी 60 लाख रुपये के पैकेज पर चेन्नई के क्षेत्रीय कार्यालय में बतौर सलाहकार नियुक्त किया गया था। कुछ समय बाद पति-पत्नी के पैकेज में भारी बढ़ोतरी हुई। 

सुनीता आनंद की सैलरी तो मात्र तीन साल में हैरतअंगेज तरीके से करीब तिगुनी बढ़कर 2016 तक 1.33 करोड़ रुपये हो गई। एक अप्रैल 2013 से 31 मार्च 2014 तक सुनीता की सैलरी 60 लाख रुपये, एक अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2015 तक 72 लाख रुपये, अप्रैल 2015 से मार्च 2016 तक 1.15 करोड़ रुपये और अप्रैल 2016 से 1.33 करोड़ रुपये थी। सीबीआई अब इस पूरे मामले में बारीकी से तफ्तीश कर रही है।