RBI गवर्नर की चेतावनी, अभी और परेशान करेगी महंगाई, सितंबर तक राहत के संकेत नहीं

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि फिलहाल खुदरा महंगाई से राहत मिलती नहीं दिख रही है, इसमें सितंबर 2022 के बाद ही नरमी के संकेत मिल रहे हैं

Updated: Feb 10, 2022, 07:14 AM IST

नई दिल्ली। महंगाई ने देश के आम लोगों की कमर तोड़ रखी है। महंगाई से राहत की उम्मीद लगाए लोगों के लिए आर्थिक गलियारे से बुरी ख़बर सामने आई है। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चेतावनी दी है कि महंगाई अभी और परेशान करेगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि सितंबर बाद ही खुदरा महंगाई में नरमी के संकेत मिल रहे हैं।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद गुरुवार को बताया कि चालू तिमाही जनवरी-मार्च 2022 में उपभोक्‍ताओं को खुदरा महंगाई बहुत परेशान करेगी। मौद्रिक समिति की तीन दिन तक चली बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्‍त वर्ष 2022-23 के लिए खुदरा महंगाई का अनुमानित आंकड़ा भी जारी किया है। उन्‍होंने बताया कि अगले वित्‍त वर्ष में खुदरा महंगाई 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है।

यह भी पढ़ें: मतदान केंद्र पहुंचने से पहले ही पड़ चुका था बुजुर्ग मतदाता का वोट, सपा ने लगाया धांधली का आरोप

दास के मुताबिक मौजूदा तिमाही में महंगाई दर ऊंची बनी रहेगी, लेकिन यह 6 फीसदी के तय दायरे से बाहर नहीं जाएगी। उधर न्‍यूज एजेंसी रॉयटर ने अर्थशास्त्रियों के बीच कराए सर्वे में कहा है कि जनवरी में खुदरा महंगाई 6 फीसदी तक पहुंच जाएगी, जो आरबीआई के दायरे का आखिरी छोर है।

शक्तिकांत दास ने कहा है कि फिलहाल खुदरा महंगाई से ज्‍यादा राहत मिलती नहीं दिख रही और 2022-23 की दूसरी छमाही यानी सितंबर 2022 के बाद ही इसमें नरमी के संकेत मिल रहे हैं। महंगाई पर घरेलू कारणों से ज्‍यादा ग्‍लोबल फैक्‍टर का दबाव है। दुनियाभर में महंगाई बढ़ रही है, ऐसे में सिर्फ भारत में इसके नीचे जाने की फिलहाल कोई संभावना नहीं दिख रही है।

यह भी पढ़ें: छोटे उद्योगों पर आयी आफ़त पर राहुल गांधी ने जतायी चिंता, बीते वित्तीय साल में 67 फीसदी धंधे हुए बंद

गवर्नर ने वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है। इसके अलावा, RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने एकमत से बेंचमार्क इंटरेस्ट रेट यानी रेपो रेट को 4% पर बनाए रखने का फैसला किया है। आरबीआई ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह वह दर है, जिस पर बैंक, केंद्रीय बैंक से उधार लेते हैं।