सिर्फ चाय बिस्किट खाकर गुजरता था दिन, संघर्षों से भरा रहा है इंदौर में जन्मीं लता मंगेशकर का जीवन

लता मंगेशकर ने अपने करियर में 36 भाषाओं में 50 हजार गाने गाए, 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी, 1960 से 2000 तक भारतीय संगीत पर एकछत्र राज किया, आज उनके स्वर ख़ामोश हो गए

Updated: Feb 06, 2022, 05:31 AM IST

मुंबई। सुर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह बीते 8 जनवरी से ही मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं। लता मंगेशकर को ऐसे ही सुर कोकिला नहीं कहा जाता था। उन्होंने गायकी के इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कड़ा संघर्ष किया था। लता मंगेशकर की संघर्षों के जिक्र यतींद्र मिश्र की किताब ‘लता सुर गाथा' में मिलता है।

'लता सुर गाथा' पुस्तक में वह कहती हैं कि, 'मैं अक्सर रेकॉर्डिंग करते-करते थक जाती थी और मुझे बड़ी तेज भूख भी लग जाती थी। उस समय स्टूडियो में कैंटीन होती थी, मगर खाने के लिए कुछ बेहतर मिलता हो ऐसा मुझे याद नहीं। सिर्फ चाय और बिस्किटर मिल जाते थे। शुरुआती दिनों में एक दो कप चाय या ऐसे ही दो-चार बिस्किटों पर पूरा दिन निकल जाता था। कई बार तो सिर्फ पानी पीते हुए ही दिन बीता और यह ध्यान ही नहीं रहा कि कैंटीन जाकर मुझे चाय भी पी लेनी चाहिए। मेरे दिमाग मे हमेशा यह बात घूमती थी कि किसी तरह बस मुझे अपने परिवार को देखना है।'

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लता मंगेशकर आगे कहती हैं कि, 'मेरे दिमाग मे बस यही चलता था कि किस तरह मैं अपने परिवार के लिए ज्यादा से ज्यादा कमाकर उनकी जरूरतें पूरी कर सकती हूं। इसी में सारा वक्त निकल जाता था। मुझे रेकॉर्डिंग से या उसकी तकलीफों से उतना फर्क नहीं पडता था। जितना की इस बात से कि आने वाले कल में मेरे कितने गीत रिकॉर्ड होने हैं, फलां फिल्म के खत्म होने के साथ मुझे नए कॉन्ट्रेक्ट की दूसरी नहीं फिल्म के गाने कब रेकॉर्ड करने हैं।'

बता दें कि मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मीं लता मंगेशकर ने महज लता ने 13 साल की छोटी उम्र में 1942 में अपने करियर की शुरूआत की थी। उन्होंने 36 भारतीय भाषाओं में अब तक 50 हजार से अधिक गाने गाए हैं। उन्होंने 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी और सन 1960 से लेकर 2000 तक भारतीय संगीत पर एकछत्र राज किया।

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आज उनके स्वर ख़ामोश हो गए लेकिन सात दशक के अपने करियर में उन्होंने कई ऐसे गाने गाये हैं, जो आज भी लोगों के जेहन में हैं। इनमें 'अजीब दास्तां है ये' 'प्यार किया तो डरना क्या' और 'नीला आसमां सो गया' शामिल है। लता मंगेशकर को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के अलावा पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है। भारत सरकार ने सुर कोकिला के निधन से देश में दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।