छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक उत्पादों को मिला नया ब्रांडनेम, देश विदेश में मचेगी अर्थ की धूम

छत्तीसगढ़ हर्बल्स के प्रोडक्ट अब अर्थ ब्रांडनेम से बेचे जाएंगे, यहां के महिला स्व-सहायता समूहो द्वारा तैयार 150 से ज्यादा उत्पादों को देश विदेश में पसंद किया जाता है, अब यहां कि महिलाएं जैविक गुलाल और पूजन सामग्री का भी करेंगी निर्माण

Updated: Feb 18, 2022, 12:36 PM IST

Photo Courtesy: twitter
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रायपुर। अब छत्तीसगढ़ की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार सामान अर्थ ब्रांड के नाम से बाजारों में बेचा जाएगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्राकृतिक रूप से तैयार प्रोडक्ट्स का एकीकृत ब्रांडनेम अर्थ लांच किया। इसके साथ ही बाजार में अर्थ ब्रांडनेम से महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों के गिफ्ट हैम्पर भी बिकने के लिए उपलब्ध होंगें। इस मौके पर अर्थ ब्रांड का लोगो रिलीज किया गया। छत्तीसगढ़ के हर्बल उत्पाद देश विदेश में पसंद किए जाते हैं, अब ये एक बड़ा ब्रांड बन चुके हैं।

प्रदेश के वनोपज से तैयार विभिन्न ऑनलाइन साइट्स से भी खरीदे जा सकते हैं। छत्तीसगढ़ स्व- सहायता समूहों द्वारा तैयार करीब 150 हर्बल उत्पादों की बिक्री होती है। तीन साल में ही इस ब्रांड का कारोबार करीब चार गुना से ज्यादा बढ़ गया है। एक करोड़ 25 लाख की बिक्री से शुरू हुआ कारोबार जनवरी 2022 तक बढ़कर 4 करोड़ 34 लाख तक पहुंच चुका है।

छत्तीसगढ़ हर्बल्स के प्रोडक्ट्स दुबई में अंतररष्ट्रीय गल्फ फूड फेस्टिवल, दिल्ली में इंटरनेशनल फूड फेस्टिवल और ट्राइबल फेस्टिवल, भोपाल में इंटरनेशनल हर्बल फेयर, दीवाली हाट मेला, राज्योत्सव और माल प्रदर्शनी समेत विदेशों में भी पसंद किए गए हैं। विदेशों से भी इनके ऑर्डर की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ ने 2022 में 2 हजार क्विंटल फूड ग्रेड महुआ फूल संग्रहण का लक्ष्य रखा है। इसकी अमेरिका में भारी डिमांड है।  शराब के अलाव महुआ का उपयोग एनर्जी बार, महुआ गुड़, सैनिटाइजर महुआ लड्डू, जूस, कुकीज, चाकलेट, आचार, जैम बनाया जाता है। ये सभी प्रोडक्ट्स छत्तीसगढ़ हर्बल्स के नाम से बेचे जाते थे। अब इन्हें एकीकृत ब्रांड नेम अर्थ दिया गया है।

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छत्तीसगढ़ के गोठानों में जल्द ही महिला स्व-सहायता समूह जैविक गुलाल और पूजन सामग्री तैयार करेंगी। इसके लिए संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी और श्री गणेश ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक MOU साइन हुआ है। इस MOU के तहत पहले चरण में दुर्ग औऱ रायपुर जिलों के 10 गोठानों में जैविक गुलाल और पूजन सामग्री का निर्माण होगा। इस काम में दोनों जिलों के 150 महिला स्व-सहायता समूह को जोड़ने की तैयारी है। यहां की महिलाएं जैविक गुलाल के साथ-साथ पूजन सामग्री जिसमें चंदन पाउडर, रूई बत्ती, कुमकुम, रोली, हवन तैयार करेंगी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने पशुपालकों, गौठानों से जुड़े महिला समूहों और गौठान समितियों को गोधन न्याय योजना की 10 करोड़ 24 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की।