बदहाली के दौर में सीएम शिवराज के पौधारोपण पर खर्च हुए 362 करोड़, 5 साल में 62.5 फ़ीसदी बढ़ा पौधे का दाम

मध्य प्रदेश सरकार को 2016-17 में एक पौधा खरीदने के लिए 56 रुपए खर्च खर्च करने पड़ते थे, अब राज्य सरकार एक पौधा 92 रुपए में खरीदती है.. जबकि पौधारोपण में आयी भारी कमी.. छह करोड़ से घटकर हुआ साढ़े तीन करोड़ पौधारोपण

Updated: Mar 10, 2022, 04:29 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने बीते एक साल में पौधारोपण पर 362 करोड़ रूपये खर्च किए हैं। विधानसभा में कांग्रेस नेता जीतू पटवारी के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए सरकार ने बताया है कि मध्य प्रदेश सरकार ने 2021 से लेकर फरवरी 2022 तक कुल तीन करोड़ 57 लाख 33 हजार 524 पौधे खरीदे। जिसे खरीदने में मध्य प्रदेश सरकार को 328 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च करनी पड़ी। जबकि इनके रख रखाव पर सरकार का 34 करोड़ से अधिक का खर्च आया। इन आंकड़ों के मुताबिक एक पौधा खरीदने के लिए सरकार ने 92 रुपए खर्च किया जबकि रखरखाव में प्रति पौधा मध्य प्रदेश सरकार को 9.60 रुपए का खर्च आया।  

बीते पांच वर्षों में मध्य प्रदेश सरकार को एक पौधा खरीदने के लिए 36 रुपए अधिक खर्च करने पड़े। 2016-17 में सरकार को एक पौधा खरीदने के लिए 56.64 रुपए खर्च करने पड़ते थे जो अब बढ़कर 92 रूपये से ऊपर पहुंच गया है। इन आंकड़ों के मुताबिक पौधों के दाम में करीब 62.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। यहां यह भी गौर करनेवाली बात है कि बीते पांच सालों में पौधारोपण में काफी गिरावट आयी है। 2016-17 और साल 2017-18  में यानी बीते चुनाव से एक साल पहले और चुनावी साल में सरकार ने क्रमश: पांच करोड़ और 6 करोड़ से ज्यादा वृक्षारोपण किया। लेकिन 2022 आते आते यह 5-6 करोड़ से घटकर साढ़े तीन करोड़ पर आ गया।

मध्य प्रदेश सरकार ने सबसे अधिक पौधे वर्ष 2017-18 में खरीदे थे। तब मध्य प्रदेश सरकार ने 6 करोड़ 5 लाख से ऊपर पौधे खरीदे जिसपर प्रदेश सरकार को 393 खर्च करने पड़े थे। इनके रख रखाव में मध्य प्रदेश सरकार को 127 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े। उस वर्ष मध्य प्रदेश सरकार को एक पौधा 65 रुपए में पड़ा था। प्रदेश सरकार ने इस आधार पर गिनीज बुक में भी अपना नाम दर्ज कराने की कोशिश की थी। लेकिन नर्मदा किनारे वृक्षारोपण के दावों की पोल दिग्विजय सिंह की पैदल नर्मदा परिक्रमा में खुल गयी। किनारों पर पौधारोपण का कोई नामोनिशान न होने के सिंह के दावे पर सरकार सफाई देने पर आ गयी थी।

बहरहाल सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में कम पौधे खरीदकर भी ज्यादा पैसे खर्च किए हैं। लेकिन सरकार की मंशा है कि प्रदेश को हराभरा कर विकास के लिए जंगल कटाई की भरपायी की जा सके। लेकिन प्रदेश में जिस तेज़ी से वन भूमि का ह्रास हो रहा है, ये पौधे और यह कार्यक्रम ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं। बीते तीन-चार सालों में मध्य प्रदेश में 13 हजार हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है। यहां हर साल 764 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण का आंकड़ा बताया जाता है। देश में वन भूमि पर सबसे ज्यादा अतिक्रमण मध्य प्रदेश में ही हो रहा है।