श्रम कानूनों की रक्षा का साफ संदेश दें मोदी

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक ने पत्र लिखकर यह बात कही है.

Publish: May 26, 2020, 05:49 AM IST

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात समेत विभिन्न राज्यों द्वारा अपने यहां श्रम कानूनों में संशोधन करने या इस संशोधन का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने पर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की बड़ी प्रतिक्रिया है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अंतरराष्ट्रीय श्रम कानूनों को बिना किसी परिवर्तन के बनाए रखने को लेकर राज्य सरकारों को साफ संदेश भेजने के लिए कहा है.

भारत के 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने 14 मई को इस संबंध में अंतरारष्ट्रीय श्रम संगठन को पत्र लिखा था. अंग्रेजी अखबार दि हिंदू के अनुसार अंतराराष्ट्रीय श्रम संगठन की यह प्रतिक्रिया इसी पत्र के जवाब में आई है.

भारत अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन में हस्ताक्षर करने वाले देशों में शामिल है. वहीं नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार कह चुके हैं कि श्रम कानून में सुधार का मतलब उन्हें समाप्त करना नहीं है.

राजीव कुमार ने कहा, “केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने अपना रुख सख्त करते हुए राज्यों को स्पष्ट किया है कि वे श्रम कानूनों को समाप्त नहीं कर सकते. सरकार श्रमिकों के हितों का संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है.”

इससे पहले ये दस केंद्रीय श्रमिक संगठन श्रम कानूनों में छेड़छाड़ का विरोध भी कर चुके हैं.

Clickसुधार का मतलब श्रम कानून खत्म करना नहीं

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल में एक अध्यादेश के जरिए विभिन्न उद्योगों को तीन साल तक कुछ निश्चित श्रम कानूनों से छूट दी है. सरकार ने दावा किया है कि कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने के लिए यह कदम उठाया गया है. मध्य प्रदेश सरकार ने भी राष्ट्रव्यापी बंद के बीच आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने का दावा करते के लिए कुछ श्रम कानूनों में बदलाव किया है. कुछ और राज्य भी इसी तरह का कदम उठाने जा रहे हैं.