अफ्रीका में कोरोना फैलने का खतरा

डब्ल्‍यूएचओ का कहना है कि अफ्रीकी देशों में कोरोना का प्रकोप बढ़ने पर इससे निपटने के लिए इन देशों के पास पर्याप्त वेंटिलेटर तक नहीं है। जिसके कारण यह महामारी यहां विकराल रूप ले सकती है।

Publish: Apr 18, 2020, 09:28 AM IST

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि अफ्रीका महाद्वीप कोरोना महामारी का अगला केन्द्र बिंदु बन सकता है। डब्ल्‍यूएचओ का कहना है कि भले ही अभी अमेरिका और यूरोप की तुलना में अफ्रीका में कोरोना संक्रमण का प्रकोप कम दिख रहा है पर अब ये वायरस अफ्रीकी देशों की राजधानियों से देश के दूसरे हिस्सों में फैलते हुए दिख रहा है। डब्ल्‍यूएचओ का ये भी कहना है कि पिछले हफ्ते अफ्रीका महाद्वीप में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। अफ्रीका महाद्वीप में कोरोना संक्रमण से अब तक लगभग 1000 लोगों की मौत हुई है और 19 हजार लोग संक्रमित पाए गए हैं।

डब्ल्‍यूएचओ का कहना है कि अफ्रीकी देशों में कोरोना का प्रकोप बढ़ने पर इससे निपटने के लिए इन देशों के पास पर्याप्त वेंटिलेटर तक नहीं है। जिसके कारण यह महामारी यहां विकराल रूप ले सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना वायरस से अफ्रीका महाद्वीप में उत्तरी अफ्रीकी देश अल्जीरिया, मिस्र और मोरक्को सबसे अधिक प्रभावित हैं। इन सभी देशों में कम से कम 100 लोगों की मौत हो चुकी है और 2 हजार से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं। अल्जीरिया में सबसे अधिक 348 लोगों की मौत हुई है। दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण के 2 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 48 से अधिक मौतें हुई हैं। महाद्वीप के सबसे अधिक आबादी वाले देश नाइजीरिया में 442 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं और 13 लोगों की मौत हुई है।

डब्ल्‍यूएचओ की अफ्रीका डायरेक्टर मातसिडिसो मोएती ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, आइवरी कोस्ट, घाना और कैमरून में कोरोना वायरस के बड़े शहरों से छोटे स्थानों की ओर बढ़ने के प्रमाण मिल रहे हैं। अभी भी महाद्वीप में करीब 15 देश ऐसे हैं जहां वायरस का फैलाव अधिक नहीं है। अगर ये देश मजबूती  से सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन करते हैं तो वायरस का फैलाव रोका जा सकता है।

डब्ल्‍यूएचओ का अनुमान है कि अगर महाद्वीप में कोरोना महामारी की रोकथाम नहीं कि गई तो अगले 3 से 6 महीने में करीब 10 मिलियन से अधिक लोग संक्रमित हो सकते हैं। तब इस महामारी से यूरोप और अमेरिका की तुलना में अफ्रीकी देशों में अधिक तबाही मच सकती है। क्योंकि यूरोप और अमेरिका की तुलना में इन देशों में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति काफी बदत्तर है। ऐसे में डब्लूएचओ की अधिकारी मोएती का कहना है अफ्रीका महाद्वीप में इलाज की जगह कोरोना महामारी को फैलने से रोकना संगठन की प्राथमिकता है। कारण कि अफ्रीकी देशों के पास कोरोना के इलाज की क्षमता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर भीड़भाड़ वाले इलाकों में ये महामारी फैल गई तो वहां सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराना असम्भव है। इसलिए अफ्रीका महाद्वीप में कोरोना से लड़ने के लिए उसकी रोकथाम ही सबसे महत्वपूर्ण हथियार है।