SBI ने online fraud से चेताया, एक पल में बैलेंस जीरो

यहां चेक कीजिए आपके लिए कितना है खतरा और आप कहां हैं – स्‍वर्ग लोक, धरती लोक या पाताल लोक में

Publish: May 23, 2020, 10:47 PM IST

Photo courtesy : navjivanindia
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डिजिटल इंडिया में चोरी के मामले और तौर तरीके भी डिजिटल हो गए हैं। कब पलक झपकते ही आपका बैंक बैलेंस शून्य से शिखर तक जाने के बजाय ऑनलाइन चोर कब आपके पैसे ले उड़ेंगे, आपको पता भी न चले। वो भी आपके अपने बैंक खातों से, आपकी ही इजाज़त के बगैर।

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ऑनलाइन चोरी के मामले दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। लॉक डाउन की वजह से अभी ऑनलाइन चोर सक्रिय हैं, ऐसे में अभी खाता धारकों के पैसे की सुरक्षा खतरे में है।इसको मद्देनज़र रखते हुए, एसबीआई ने अपने खाताधारकों को चेतावनी दी है। जिससे एसबीआई के खाताधारक ऑनलाइन फ्रॉड से सचेत रह सकें।

एसबीआई ने ग्राहकों को श्रेणियों में बांटा

एसबीआई ने अपने ग्राहकों को रचनात्मक तरीके से तीन श्रेणियों में बांटा है। ये तीन श्रेणियां स्वर्ग लोक, धरती लोक और पाताल लोक है। सेरबरस ( Cerberus ) ट्रोजन मैलवेयर वायरस की चपेट में आ चुके ग्राहकों, वायरस के ख़तरे की संभावना और जान कर अनजान बने रहने वाले ग्राहकों को एसबीआई ने इन तीन श्रेणियों में बांटा है।

जानिए आप कहां हैं – स्‍वर्ग लोक या पाताल लोक

एसबीआई के अनुसार, जो ग्राहक हमेशा ही फ्रॉड के प्रति सचेत रहता है और उस पर नज़र बनाए रखता है। वो ग्राहक स्वर्गलोक में रहना वाला ग्राहक है। जो ग्राहक वायरस से इंफेक्टेड हो चुका है, वो पाताल लोक में रहना वाला वायरस है। तो वहीं एसबीआई ने धरती लोक के ग्राहकों की विशेषता यह बताई है, जिन्हें सेरबेरस ट्रोजन मैलवेयर के बारे में पता तो है लेकिन इसके बावजूद वो ग्राहक अलर्ट नहीं रहते। दूसरे शब्दों में, धरती लोक के ग्राहक एसबीआई ने उन्हें माना है जो फ्रॉड और उसके तरीकों से परिचित तो हैं लेकिन इसके बावजूद वे अनजान लिंक्स पर क्लिक करते हैं। धरती लोक के ग्राहक जान कर भी अनजान बन रहे हैं।

क्या है ये वायरस

ट्रोजन मैलवेयर वायरस ग्राहकों के डिटेल्स चोरी करता है। मसलन , क्रेडिट कार्ड नंबर, सीवीवी और अन्य भी कई डेटा चोरी करने की क्षमता, ट्रोजन मैलवेयर वायरस रखता है। इसकी मदद से ऑनलाइन चोर, ग्राहकों की पर्सनल जानकारी और टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन भी चोरी किए जा सकते हैं। ऐसे में एसबीआई ने अपने ग्राहकों को अनजान लिंक्स के उपर न जाने को कहा है। दरअसल, अमूमन फ्रॉड ग्राहकों का डेटा चोरी करने के लिए, इन्हीं लिंक्स का इस्तेमाल करते हैं। खासकर जिसमें फेक ऑफर होते हैं।