हमेशा के लिए WHO की फंडिंग रोकने की धमकी

ट्रंप ने WHO को तीस दिन का अल्टीमेटम दिया है.

Publish: May 20, 2020, 04:05 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को आगाह किया है कि वह अगले 30 दिन में यह प्रदर्शित करे कि वह चीन से प्रभावित नहीं हैं. ऐसा नहीं करने पर ट्रंप ने इस संगठन में अमेरिका की सदस्यता के बारे में पुनः विचार करने और संगठन को दी जाने वाली आर्थिक सहायता को "स्थाई रुप" से रोकने की चेतावनी दी है.

इससे पहले ट्रंप ने 14 अप्रैल को डब्ल्यूएचओ को सालाना दी जाने वाली 50 करोड़ डॉलर तक की सहायता रोक दी. ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ पर आरोप लगाया है कि वुहान में पहली बार वायरस के सामने आने के बाद चीन ने जानकारियां छिपाई और इस लापरवाही को संगठन ने ढका.’’

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस को लिखे चार पन्नों के पत्र में ट्रंप ने कहा, "यह साफ है कि आपने और आपके संगठन ने महामारी से निपटने में बार-बार गलत कदम उठाए हैं जो दुनिया को बहुत महंगे पड़े हैं. डब्ल्यूएचओ के सामने सिर्फ यह रास्ता रहता है कि क्या वह असल में दिखा सकता है कि वह चीन से प्रभावित नहीं है."

उन्होंने कहा, “मेरे प्रशासन ने आपसे इस बात पर पहले ही चर्चा शुरू कर दी है कि संगठन में सुधार कैसे हों. लेकिन तेजी से कार्रवाई की जरुरत है. हमारे पास ज़ाया करने के लिए वक्त नहीं है.“

ट्रंप ने यह पत्र 18 मई की रात को ट्वीट किया है.

उन्होंने कहा, “अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर मेरा फर्ज है कि आपको सूचित करुं कि अगर डब्ल्यूएचओ अगले 30 दिन में बड़े मूल सुधारों के लिए प्रतिबद्ध नहीं होता है तो डब्ल्यूएचओ को अस्थाई रूप से रोकी गई अमेरिकी आर्थिक सहायता को मैं स्थाई रूप से रोक दूंगा और संगठन में अमेरिका की सदस्यता के बारे में फिर से सोचूंगा.“

उन्होंने आगे कहा, " मैं अमेरिकी करदाताओं के पैसे को उस संगठन को देने की इजाजत नहीं दे सकता हूं, जो अपनी मौजूदा स्थिति में साफ तौर पर अमेरिकी हितों की सेवा नहीं कर रहा है."

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ट्रंप की इन टिप्पणियों के बीच संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की जगह कोई नहीं ले सकता है और कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए संस्था को और अधिक संसाधन उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है.

वहीं चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी को छुपाने के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि हमने पारदर्शिता और जिम्मेदारी से काम किया. हमने समय से डब्ल्यूएचओ और प्रासंगिक देशों को जानकारी दे दी थी.”

उन्होंने कहा कि हमने जरूरत पड़ने पर अपनी क्षमता के अनुसार दूसरे देशों खासकर विकासशील देशों की सहायता की. इसके साथ ही शी जिनपिंग ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए अगले दो वर्ष में विश्व स्वास्थ्य संगठन को दो अरब डॉलर की मदद उपलब्ध कराने की घोषणा की.

ट्रंप ने चीन पर बीमारी को छुपाने का आरोप लगाया है जबकि ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ ने चीन से वायरस की उत्पत्ति की स्वतंत्र जांच समेत कोविड-19 को नियंत्रण करने की कोशिशों में पारदर्शिता की मांग की है.

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इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकतर सदस्य देशों की वह मांग मान ली है, जिसमें कोरोना वायरस के संबंध में एक स्वतंत्र मूल्यांकन शुरू करने की बात कही गई है. इन देशों में भारत भी शामिल है.

सदस्य देशों ने कोरोना वायरस के मूल स्रोत के साथ यह मांग भी की है कि क्या कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पर्याप्त कदम उठाए, क्या संगठन की सलाहें पर्याप्त थीं.