कनाडा में स्वास्तिक के इस्तेमाल पर रोक, भारत सरकार ने पीएम जस्टिन ट्रूडो से की बात

कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह के समर्थक सांसदों ने स्वास्तिक पर पाबंदी का विधेयक पेश किया है, उधर एक हिंदू संगठन ने कहा है कि ट्रूडो स्वास्तिक और नाजी प्रतीक हकेनक्रेज को एक साथ न मिलाएं

Updated: Feb 19, 2022, 07:18 AM IST

Photo Courtesy: WSJ
Photo Courtesy: WSJ

ओटावा। कनाडा में अब हिंदुओं के पवित्र प्रतीक स्वास्तिक को लेकर विवाद पैदा हो गया है। स्वास्तिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए कनाडा की संसद में एक विधेयक लाया गया है। इससे भार तीय-कनाडाई समुदाय भड़क गया है। मामला बढ़ने के बाद भारत सरकार ने कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो से बात की है।

दरअसल, कनाडा में कोविड वैक्सीन को अनिवार्य बनाए जाने और लॉकडाउन के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने देश में आपातकाल लागू कर दिया है। इसके बाद वहां स्वस्तिक को बैन करने संबंधी अभियान चलाया जा रहा है। लोग स्वास्तिक को जर्मन के नाजी प्रतीक चिन्ह के तौर पर देख रहे हैं। 

यह भी पढ़ें: आज इंदौर में गोबर धन प्लांट का लोकार्पण करेंगे पीएम मोदी, एशिया का सबसे बड़ा बायो CNG प्लांट होगा

NDP नेता जगमीत सिंह ने इस महीने की शुरुआत में एक ट्वीट किया था की, 'स्वास्तिक और संघ के झंडे का कनाडा में कोई स्थान नहीं है। अपने समुदायों को सभी के लिए सुरक्षित बनाना हमारी ज़िम्मेदारी है। यह कनाडा में घृणा के प्रतीकों पर प्रतिबंध लगाने का समय है।' मामले पर भारत के महावाणिज्यदूत अपूर्व श्रीवास्तव ने कहा है कि उन्होंने इस मुद्दे को औपचारिक रूप से कनाडा सरकार से बात किया है। 

टोरंटो स्थित अधिकार अधिवक्ता रागिनी शर्मा के मुताबिक कनाडाई लोगों को मतभेदों के बारे में शिक्षित करने और यह समझाने की जरूरत है कि स्वास्तिक का नाजी नफरत के प्रतीक से कोई लेना-देना नहीं है। शर्मा के मुताबिक लिबरल पार्टी के सांसद चंद्र आर्य इस मामले को हाउस ऑफ कॉमन्स में उठा सकते हैं। उनके कार्यालय ने बताया कि वह हिंदू पवित्र प्रतीक स्वास्तिक पर प्रतिबंध लगाने की योजना पर बहुत चिंतित थे। ऐसा होने से रोकने के लिए वह पहल कर रहे हैं।