विदेश मंत्री एस जयशंकर ने माना, 1975 के 45 वर्षों बाद सीमा पर बदले हालात चीन के साथ रिश्ते बेहद नाज़ुक

एस जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के रिश्ते बेहद नाजुक दौर से गुजर रहे हैं, विदेश मंत्री ने कहा कि चीन ने एलएसी पर सैनिकों की तैनाती कर हालात बिगाड़ दिए

Updated: Feb 21, 2022, 05:22 AM IST

Photo Courtesy: DNA India
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नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में यह कबूल किया है कि भारत और चीन के रिश्ते 45 वर्षों में सबसे नाज़ुक दौर से गुजर रहे हैं। एस जयशंकर ने कहा है कि 2020 के बाद भारत और चीन सीमा पर हालात बदल गए हैं। जबकि 1975 से लेकर आगे के 45 वर्षों तक सीमा पर हालात ठीक थे। 

एस जयशंकर ने यह बात म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में कही। एस जयशंकर ने कहा कि 1975 के 45 वर्षों बाद सीमा पर हालात बदल गए हैं। भारत और चीन के रिश्ते इस वक्त सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। आगे रिश्ते कैसे होंगे, यह भी चीन के रुख पर ही निर्भर करेगा। 

एस जयशंकर ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव पैदा करने का चीन इकलौता जिम्मेदार है। विदेश मंत्री ने कहा कि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों की तैनाती न करने का समझौता तोड़ दिया, जिसके बाद सीमा पर हालात बदल गए। जयशंकर ने कहा कि चीन ने इस आपसी समझौते को तोड़कर दोनों देशों के रिश्तों में खटास पैदा कर दी है। 

इससे पहले बीते हफ्ते मेलबर्न में भी एस जयशंकर ने कहा था कि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों की तैनाती न करने के लिखित समझौते को तोड़ दिया। एस जयशंकर ने कहा कि चीन की हरकतें पूरे अंतरष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का सबब बनी हुई हैं। ऐसे हालात तब पैदा होते हैं जब एक देश लिखित समझौते तक का भी पालन करने की जहमत नहीं उठाता। 

दरअसल जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुए संघर्ष के बाद से ही सीमा पार हालात बेहद नाजुक बने हुए हैं। चीन और भारत के सैन्य अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन अब तक दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास कम होने का नाम नहीं ले रही है। दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां लगातार मोदी सरकार पर देश की जनता से झूठ बोलने का आरोप लगा रही हैं। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि चीन ने भारत की सीमा पर अपना कब्ज़ा जमाया हुआ है, लेकिन मोदी सरकार लगातार इसे छुपा रही है।