रूस के डेढ़ लाख सैनिकों से घिरा यूक्रेन, किसी भी वक्त बज सकता है जंग का बिगुल
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की संभावनाओं के बीच तमाम देश अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दे रहे हैं, अब तक 19 देशों ने ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दे चुके हैं
नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच अब किसी भी वक्त युद्ध छिड़ सकता है। रूस के करीब डेढ़ लाख सैनिकों ने यूक्रेन को चारों तरफ से घेर लिया है। जिसके बाद दुनिया के तमाम देश यूक्रेन में रहने वाले अपने नागरिकों के प्रति चिंतित हैं। अब तक 19 देश अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने का आह्वान कर चुके हैं।
एक सैटेलाइट इमेज जारी हुई है, जिसमें यह दिख रहा है कि यूक्रेन की सीमाओं पर रूसी सैनिक तैनात किए गए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक रूस ने करीब अपने एक लाख तीस हजार सैनिकों को यूक्रेन की सीमाओं पर तैनात कर दिया है। इस वक्त यूक्रेन चारों तरफ से रूसी सैनिकों से घिरा हुआ है। यूक्रेन के राष्ट्रपति Volodymyr Zelensky ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूरोपियन सिक्योरिटी के साथ बातचीत की पेशकश की है।
यूक्रेन और रूस के बीच होने वाले संभावित युद्ध और खतरे को देखते हुए तमाम देश अपने नागरिकों से जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ने का आह्वान कर रहे हैं। अब तक 19 देश इस बाबत ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर चुके हैं। अमेरिका ने 48 घंटे के भीतर अपने सभी कर्मचारियों को क्वीर से बाहर निकलने की अपील की है।
विदेशी मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है कि रूस 16 फरवरी को यूक्रेन के साथ अपनी जंग का ऐलान कर सकता है। यही वजह है कि हर गुजरते पल के साठ रूस यूक्रेन की सीमाओं पर अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है।
दरअसल यूक्रेन और अमेरिका के बीच अच्छे होते संबंधों की वजह से रूस खफा है। यूक्रेन अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का सदस्य बनना चाहता है। ऐसे में रूस अपनी सीमा पर अमेरिकी सैनिकों की पहुंच को रोकना चाहता है। रूस का मानना है कि यूक्रेन के इस रवैए के कारण अमेरिकी व रूस के दुश्मन देशों की पहुंच उसकी सीमा तक हो गई है। पिछले एक वर्ष में अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के दौरे को देखते हुए रूस इसे अपनी सुरक्षा के प्रति बड़े खतरे के तौर पर देख रहा है।