हम स्वतंत्र मीडिया के लिए प्रतिबद्ध हैं, G7 देशों के साथ भारत का संयुक्त बयान, देश के भीतर प्रेस फ्रीडम पर CPJ ने लताड़ा

G7 के एक संयुक्त बयान में भारत ने लोकतंत्र के सिद्धांतों और प्रेस फ्रीडम सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है, उधर प्रेस फ्रीडम पर काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था CPJ ने कहा है की भारत में स्वतंत्र पत्रकारों के लिए असुरक्षित माहौल बनाया जा रहा है

Updated: Jun 28, 2022, 08:02 AM IST

जर्मनी। G7 समूह, भारत और पांच अन्य सहयोगी देशों ने एक संयुक्त बयान में लोकतंत्र के सिद्धांतों और प्रेस फ्रीडम सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। जिस समय भारत G7 को यह भरोसा दे रहा था तब पत्रकारों की सुरक्षा के लिए गठित अंतरराष्ट्रीय संस्था CPJ भारत सरकार को पत्रकारों के साथ शत्रुतापूर्ण व्यवहार के लिए लताड़ लगा रही थी।

दरअसल, G7 की बैठक के बाद वैश्विक नेताओं की ओर से साझा बयान जारी किए गए। इसमें कहा गया की हम "जर्मनी, अर्जेंटीना, कनाडा, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेता हमारे लोकतंत्रों को मजबूत करने और समानता की दिशा में काम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।"

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इसमें आगे कहा गया कि, 'हम मानवाधिकार, कानून के शासन, मानव सुरक्षा और लैंगिक समानता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम लोकतांत्रिक व्यवस्था के उन सभी समर्थकों का स्वागत करते हैं जो उत्पीड़न और हिंसा के खिलाफ खड़े होते हैं। हम सार्वजनिक बहस, स्वतंत्र और अलग विचारों वाले मीडिया, ऑनलाइन या ऑफलाइन मीडिया माध्यम पर सूचनाओं को स्वतंत्र प्रवाह के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के साथ अपने कार्यों से खुला और स्वतंत्र मीडिया का परिदृष्य बनाएंगे।'

भारत जब वैश्विक मंच से अपनी मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जता रही थी, तब राजधानी दिल्ली में फैक्ट चेकर पत्रकार मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार किया जा रहा था। जुबैर ने देश में भ्रामक सूचनाओं को उजागर करने के लिए अलग पहचान बनाई है। पत्रकार जुबैर की गिरफ्तारी की देशभर में तो निंदा हो ही रही है, बल्की अंतरराष्ट्रीय संस्था CPJ ने भी इस कार्रवाई की तीखी आलोचना की है। 

कमेटी टू प्रोटेस्ट जर्नलिस्ट (CPJ) ने इस गिरफ्तारी को लेकर कहा कि, 'जुबैर की गिरफ्तारी भारत में प्रेस फ्रीडम के गिरते ग्राफ को दर्शाता है। यहां सांप्रदायिक मुद्दों के खिलाफ मुखर रहने वाले पत्रकारों के लिए असुरक्षित माहौल निर्मित किया जा रहा है। सरकार उनके साथ शत्रुतापूर्ण रवैया अपना रही है। जुबैर को तत्काल रिहा किया जाए।'