विंटर ओलिंपिक में चीन ने गलवान के जख्म को कुरेदा, अमेरिका ने की निंदा, भारत सरकार की चुप्पी बरकरार

गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमला करने वालों में से एक को चीन ने विंटर ओलिंपिक का थमाया मशाल, नायक की तरह पेश करने की कोशिश, अमेरिका ने की कड़ी निंदा

Updated: Feb 03, 2022, 09:24 AM IST

Photo Courtesy: NDTV
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बीजिंग। चीन अपनी घटिया हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। भारत सरकार की चुप्पी ड्रैगन को और शह दे रही है। नए साल के मौके पर चीन ने गलवान घाटी में अपना झंडा फहराने का जो दुस्साहस किया है, उसपर देशवासियों की भावनाएं आहत हैं। इसी बीच चीन ने एक बार फिर गलवान घाटी के जख्म को कुरेदा है। अमेरिका ने चीन इस हरकत की तीखी आलोचना की है, लेकिन भारत सरकार अब भी चुप है।

दरअसल, इस बार का विंटर ओलिंपिक बीजिंग में हो रग है। चीन ने विंटर ओलिंपिक की मशाल Qi Fabao नामक एक सैन्य अधिकारी को थमाया है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक यह सैन्यकर्मी 2020 में गलवान घाटी में भारतीय जवानों पर हमला करने वाली रेजीमेंट का कमांड़र था। भारतीय जवानों से मुकाबले के दौरान यह कमांडर घायल हो गया तो और उसने भागकर अपनी जान बचाई थी। उसके सिर में गंभीर चोटें भी आई थी।

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दिसंबर में यह कमांडर वहां के एक टीवी चैनल पर दिखाई दिया था, जिसमें वह बता रहा था कि वह युद्ध के मैदान में लौटने और फिर से लड़ने के लिए तैयार है। चीन इस कमांडर को भारत विरोधी अभियान के हीरो के तौर पर पेश कर रहा है। इसीलिए उसे विंटर ओलिंपिक के मशलधारकों में शामिल किया है।

चीन के इस कदम की अमेरिका ने तीखी आलोचना की है। अमेरिकी संसंद की विदेश मामलों की कमिटी में शामिल वरिष्ठ नेता जिम रीश ने ट्वीट, 'यह बेहद शर्मनाक है कि बीजिंग ने 2022 के ओलिंपिक्स की मशाल उठाने के लिए एक ऐसे व्यक्ति को चुना जो 2020 में भारत पर हुए हमले में शामिल था और जो उईगुर मुसलमानों के नरसंहार में शामिल है। अमेरिका उईगुर स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता को समर्थन देना जारी रखेगा।' 

हैरानी की बात यह है कि भारत सरकार ने चीन के इस दुस्साहस पर भी चुप्पी साध रखा है। हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय भूभाग के 15 स्थानों का नाम बदल दिया था। इसके बाद न्यू ईयर वाले दिन भारतीय भूभाग पर अपना झंडा फहराया था। इन घटनाओं को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र से जवाब मांगा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार ने चुप्पी साध रखा है।

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हाल ही में स्वयं बीजेपी के वरिष्ठ नेता व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चीन को लेकर पीएम मोदी के रुख का आलोचना करते हुए कहा था कि, 'चीनी नरेंद्र मोदी की 56 इंच वाली छाती पर चढ़े बैठे हैं और मोदी इसका विरोध भी नहीं कर पा रहे हैं। वास्तव में मोदी को पता भी नहीं है कि चीन उनके सीने पर बैठा हुआ है। इसलिए वे कोई नहीं आया, कोई नहीं आया चिल्ला रहे हैं।'