लेपर्ड स्टेट में नहीं थम रहा तेंदुओं की मौत की सिलसिला, बालाघाट और जबलपुर में दो दिन में 2 मौतें

बालाघाट में डेढ़ साल के मादा तेंदुए का शव मिला, जबलपुर में करंट लगने से 7 साल के तेंदुए ने तोड़ा दम, करंट लगने से व्यस्क तेंदुए की मौत होने की आशंका

Updated: Feb 17, 2022, 09:50 AM IST

Photo Courtesy: Wikipedia
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भोपाल। प्रदेश के बालाघाट और जबलपुर में दो दिनों में दो तेंदुओं की मौत का मामला सामने आय़ा है। बालाघाट के बैहर में डेढ़ साल की मादा तेंदुए का शव मिला है। यह शव दो दिन पुराना बताया जा रहा है। शव फारेस्ट रेंज बघोली के अंतर्गत खोरसीटोला के जंगल में मिला था, ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम डॉग स्क्वायड के साथ मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद तेंदुए का अंतिम संस्कार कर दिया गया। रेंजर फॉरेस्ट रेंज वेस्ट बैहर का कहना है कि फिलहाल तेंदुए की मौत की वजह का खुलासा नहीं हो पाया है।

मादा तेंदुए का पोस्टमार्टम वन्यजीव विशेषज्ञ और पशु चिकित्सकों ने किया, उसके बाद उसका अंतिंम संस्कार किया गया। तेंदुए के सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए बिसरा सागर और जबलपुर की प्रयोगशालाओं में भेज दिए गए है।  इन रिपोर्ट्स को आने में लंबा समय लगने की बात कही जा रही है।

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वहीं जबलपुर के इंद्राना ऑरेंज बीट में 15 फरवरी को ही एक 7 साल के व्यस्क तेंदुए का शव मिला है। इसकी मौत की पुष्टि डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर ने की है। उनका कहना है कि तेंदुए की मौत करंट लगने की वजह से हुई है। दरअसल इस इलाके में जंगली सुअरों का आतंक है, उनसे बचने के लिए यहां बिजली के तार लगाए गए थे। इन्हीं की चपेट में आने से तेंदुए की मौत हो गई है।

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मध्यप्रदेश टाइगर और लेपर्ड के मामले में देश में अव्वल है। वहीं लैंडस्केप के आधार पर भी सबसे ज्यादा तेंदुओं की संख्या मध्यप्रदेस में ही है। पन्ना में वर्ष 2018 में 350 तेंदुए थे जो अब बढ़कर 400  से ज्यादा हो गए हैं।