भय्यूजी महाराज आत्महत्या केस में 3 को सजा, आध्यात्मिक गुरू के सेवादार, ड्राइवर और शिष्या को 6 साल की जेल

इंदौर जिला कोर्ट ने तीनों को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी माना, पैसों के लिए मानसिक प्रताड़ित करते थे तीनों, जून 2018 में इनकी प्रताड़ना से तंग आकर भय्यूजी ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से की थी खुदकुशी, सुसाइड नोट में किया था जिक्र

Updated: Jan 28, 2022, 11:10 AM IST

Photo Courtesy: aajtak
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इंदौर। मध्यप्रदेश के हाईप्रोफाइल भय्यूजी महाराज आत्महत्या मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। कोर्ट ने मामले के तीनों दोषियों को 6-6 साल की सजा सुना दी है। 3 साल बाद फैसला देते हुए इंदौर जिला कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने आध्यात्मिक गुरू की शिष्या पलक पुराणिक, ड्राइवर शरद देशमुख और सबसे भरोसेमंद सेवादार विनायक दुधाले को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी माना है।

कोर्ट का कहना है कि आरोपित भय्यूजी महाराज को पैसे के लिए प्रताड़ित करते थे। उन्हें पैसे के लिए ब्लैकमेल तक किया जाता था। 2019 से जेल में बंद सेवादार विनायक ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन कोर्ट से जमानत नहीं मिली थी। आध्यात्मिक गुरु सुसाइड केस में कोर्ट में 32 गवाहों के बयान हुए थे। इस मामले की करीब 150 पेशियां भी हुईं। जिनमें भय्यू महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी, पहली पत्नी से बेटी कुहू और डॉक्टर पवन राठी और भय्यूजी की बहन मधुमति भी शामिल थी।

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12 जून 2018 को भय्यूजी महाराज ने इंदौर स्थित घर में अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुदकुशी कर ली थी। घटना से महीनेभर पहले भी वे जान देने की नाकाम कोशिश कर चुके थे। मामले की जांच के दौरान पुलिस को भय्यूजी की एक डायरी मिली थी, जिसमें उन्होंने जीवन से परेशान होने और जीवन छोड़ने का जिक्र किया था। डायरी के अनुसार सेवादार विनायक उनका सबसे विश्वासपात्र था। तीनों सेवादार भय्यूजी महाराज के लिए परिवार से बढ़कर थे, वे तीनों पर बहुत विश्वास करते थे। उन्होंने इनके भरोसे अपने आश्रम और कामकाज सौंप रखे थे। इन्हींने पैसों के लिए इतना प्रताड़ित किया कि उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया।घटना के 6 महीने बाद पुलिस ने विनायक, शरद और पलक को आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया था। तीनों भय्यूजी जो का आर्थिक और मानसिक शोषण करते थे। जिसका जिक्र उनके सुसाइड नोट में भी है। विनायक 16 साल पुराना वफादार सेवक था। 

 मध्यप्रदेश के शुजालपुर के जमींदार परिवार के ताल्लुक रखने वाले भय्यूजी महाराज का असली नाम उदय सिंह देशमुख था।  नवंबर 2015 में दिल का दौरा पड़ने से उनकी पहली पत्नी का निधन हो गया था। जिसके दो साल बाद उन्होंने शिवपुरी की डॉक्टर आयुषी शर्मा के साथ दूसरी शादी रचाई थी। भय्यूजी और आयुषी की भी एक बेटी है। वहीं उनकी पहली पत्नी से भी एक बेटी है। इस हाईप्रोफाइल सुसाइड केस में शुरूआती जांच  के दौरान बेटी और सौतेली मां के बीच के मतभेदों को ज्यादा हवा दी गई थी। भय्यूजी की बड़ी बेटी कुहू ने कहा था कि विनायक उनके भाई जैसा है, उसने बचपन से उनकी देखभाल की है। शरद को पिता का करीबी बताया था। वहीं आरुषि से शादी के बारे में कुहू ने कहा था कि वह पिता की दूसरी शादी से सहमत नहीं थी।   

देश की जानीमानी सूटिंग शर्टिंग कंपनी सियाराम के लिए मॉडलिंग करने वाले भय्यूजी को हाईप्रोफाइल संत कहा जाता था। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे और अन्ना हजारे जैसी हस्तियों के करीबी रहे हैं। उन्होंने ही साल 2011 में अन्ना हजारे का अनशन खत्म करवाया था। वे तत्कालीन यूपीए सरकार की ओर से दूत बनकर गए थे। भय्यूजी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का सद्धावना उपवास भी खत्म करवाया था। फिल्मी हस्तियों में लता मंगेशकर, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी भी शामिल हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश की तत्कालीन राज्यपाल आनंदी बेन पटेल सहित कई बड़ी हस्तियां उनके आश्रम में जा चुकी हैं।