सुराणा गाँव के हिन्दू क्यों लगा रहे हैं पलायन का पोस्टर, क्या रतलाम को कैराना बनाने की है तैयारी

रतलाम जिले के सुराणा गांव में हिंदू समाज के लोगों का आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के लोग गाली गलौज करते हैं, इसलिए वे गाँव छोड़ना चाहते है.. पुलिस ने गाँव में स्थापित की अस्थायी पुलिस चौकी

Updated: Jan 19, 2022, 01:10 PM IST

भोपाल। यूपी चुनाव से पूर्व मध्य प्रदेश में रतलाम जिले का सुराणा गांव सुर्खियों में आ गया है। सुराणा गांव के हिंदुओं ने ठीक वैसे ही अपने घरों पर पलायन के पोस्टर चस्पा किए हैं जैसे एक वक्त कैराना में हुए थे। उनका आरोप है कि वे गांव के मुसलमानों से प्रताड़ित होकर घर छोड़ना चाहते हैं। मामला एक मुस्लिम व्यक्ति के, एक हिन्दू के घर के सामने खड़े होकर घूरने की शिकायत पर शुरू हुआ था। प्रशासन का दावा है कि उन्होंने शिकायत का निवारण कर दिया था, लेकिन गृह मंत्री ने खबर पर चिंता जतायी है और इलाके में इसपर सांप्रदायिक रंग चढ़ाने की कोशिश हो रही है।

दरअसल, सुराणा गांव की 60 फीसदी आबादी मुस्लिम और 40 फीसदी आबादी हिंदू है। दशकों से इस गांव के हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग आपसी  सद्भाव और भाईचारे के साथ रह रहे थे। लेकिन अचानक हिंदुओं ने अब ये कहा है कि हमें यहां प्रताड़ित किया जाता है और हम पलायन करना चाहते हैं। उन्होंने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर बताया है कि मुस्लिम समुदाय के लोग गाली गलौज और मारपीट करते हैं। 

हिंदू समुदाय के दर्जनों परिवारों ने कल रात अपने घर के बाहर लिख दिया कि यह मकान बिकाऊ है। उन्होंने इसकी तस्वीरें भी मीडिया तक पहुंचाई जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसे चिंता का विषय करार देते हुए कहा है कि पीड़ितों की सुरक्षा के लिए मैं प्रशासन से बात करूंगा। मिश्रा ने यह भी कहा है कि मध्य प्रदेश शांति का टापू है और कोई भी यहां भय का वातावरण नहीं फैला सकता। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार को रतलाम कलेक्टर व एसपी गौरव तिवारी भी सुराणा गांव में हालात का जायज़ा लेने मौजूद है मगर स्थिति पूरी तरह सामान्य बतायी जा रही है। इस गांव के अनेक हिंदू परिवार यह कह रहे हैं कि पहले वे आपसी प्रेम, सद्भाव और भाईचारे के साथ रहते थे, लेकिन बीते कुछ समय से माहौल खराब हो गया है। वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें इस गांव से बाहर जमीन के पट्टे दिए जाएं। वे दूसरी जगह बसना चाहते हैं। मंगलवार को उन्होंने एसपी ऑफिस के बाहर भी हंगामा भी किया था।

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युवा कांग्रेस नेता विवेक त्रिपाठी ने इस पूरे मामले पर गहरी साजिश की आशंका जताई है। त्रिपाठी ने कहा है कि, 'वर्तमान में यूपी में चुनाव है और अगले साल मध्य प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले बीजेपी हमेशा देशवासियों को दंगों की आग में झोंकना चाहती है। रतलाम में भी निश्चित रूप से बड़ी साजिश की जा रही है। रतलाम जिले में सुनियोजित तरीके से इस मामले को प्लांट किया गया है।'

त्रिपाठी ने आगे कहा कि, 'गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान से भी स्पष्ट है कि वे क्या चाहते हैं। गृहमंत्री का काम शांति व्यवस्था कायम रखना है न कि किसी घटना को चिंता का विषय बताकर लोगों के मन में डर बैठाना। मिश्रा बताएं कि जब केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है तो हिंदू खतरे में क्यों है? असल मसला ये है कि भाजपा महंगाई और बेरोजगारी से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है।'

मामले पर जिला कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा है कि, 'बहुत छोटी-छोटी हरकतें ऐसी हैं जिससे एक समाज उद्वेलित होता है। दोनों समाज को एक साथ बैठाकर सुना गया है। अतिक्रमण के खिलाफ एक महीने के भीतर कार्रवाई किया जाएगा। गांव में अविश्वास का माहौल है, इसके लिए एक अस्थायी पुलिस चौकी यहां 24 घंटे काम करेगी। दोनों पक्ष के प्रबुद्ध लोग चाहते हैं कि शांति बनी रहे। इस गांव के लोग शुरू से शांतिपूर्वक रहते आए हैं। कुछ शरारती तत्वों के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई।'