रीवा में गायों की मौत के बाद तालाब में फेंक दिये शव, गौशाला के पास मिले गायों के कंकाल

रीवा ज़िले के रायपुर कचुर्लियान थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले चोरगडी के गौशाला में कई गायों के कंकाल मिले हैं, भूख-प्यास और ठंड के मारे गायों की मृत्यु के बाद उनके शवों को तालाब में फेंक दिया गया, तालाब से बदबू पूरे गांव में फैल गयी, जिसके बाद शवों को गड्ढे में दफना गया, जबकि गायों की हड्डियों को बेच दिया गया

Updated: Feb 16, 2022, 12:28 PM IST

Photo Courtesy : Dainik Bhaskar
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रीवा। मध्य प्रदेश की गौशालाओं में गायों की मौतों का सिलसिला जारी है। मुरैना,भोपाल और टीकमगढ़ के बाद अब रीवा में बड़ी संख्या में गायों की मौत का मामला सामने आया है। रीवा ज़िले की एक गौशाला में 50 से अधिक गायों ने भूख प्यास और ठंड के मारे दम तोड़ दिया। जिसके बाद उनके शवों को गांव के ही एक तालाब में फेंक दिया। लेकिन गांव में शवों की बदबू फैलने के कारण शवों को तालाब से बाहर निकालकर गड्ढों में दफना दिया गया। 

रीवा के रायपुर कचुर्लियान क्षेत्र के चोरगडी गौशाला में ठंड के मारे गायों का मरना शुरु हो गया। जिसके बाद गौशाला के प्रबंधकों ने गाय के शवों को गौशाला के पीछे मौजूद तालाब में फेंकना शुरु कर दिया। हालांकि जल्द ही तालाब में फेंके गये इन शवों की बदबू पूरे गांव में फैलने लगी। बदबू फैलते ही पूरे मामले को दबाने के लिये इन शवों को तालाब के पास ही गड्ढों में दफना दिया गया। 

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इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने हिंदी अखबार को बताया है कि कुछ दिनों पहले वे गांव वालों की सूचना पर चरगोडा गौशाला पहुँचे थे। उस वक्त भी तालाब में करीब 25 से 30 गायों के शव पड़े हुए थे। जबकि तालाब के बाहर 20 से अधिक गायों की हड्डियां पड़ी हुई थीं। 

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हालांकि इस पूरे मामले में रायपुर कचुर्लियान जनपद के सीईओ प्रदीप दुबे का बयान अलग है। सीईओ ने मीडिया को बताया है कि यह मामले संज्ञान में आने पर वे निरीक्षण के लिये गांव पहुँचे थे। लेकिन वहां पहुँचकर उन्हें पता चला कि मरने वाली गायें गांव वालों की थीं और गांव वालों ने ही गायों के मरने के बाद शवों को तालाब में फेंक दिया था। सीईओ का दावा है कि वर्तमान समय में गौशाला में गायों की स्थिति बेहतर है और गौशाला का संचालन अच्छे ढंग से किया जा रहा है।