छतरपुर में दंबगों ने दलित को घोड़ी चढ़ने से रोका, पुलिस के साए में निकली कॉन्स्टेबल दूल्हे की बारात

दलित शख्स का घोड़ी चढ़ना दबंगों को नहीं आया रास, बारात निकासी के दौरान किया विवाद, पुलिस आरक्षक दूल्हे ने जिला पुलिस से मांगी मदद, कुप्रथा तोड़ने के लिए घोड़ी पर बैठकर धूमधाम से निकाली बारात

Updated: Feb 11, 2022, 11:10 AM IST

Photo Courtesy: Amar Ujala
Photo Courtesy: Amar Ujala

छतरपुर। जिले के बड़ामलहरा में एक दलित युवक को गांव के दबंगों ने घोड़ी चढ़ने से रोक दिया। मामला यहां के कुंडलया गांव का है। दूल्हा दयाचंद अहिरवार खुद पुलिस आरक्षक हैं, वर्तमान में उनकी पोस्टिंग टीकमगढ़ जिले में है। गुरुवार को दयाचंद की शादी थी, जैसे घर से बारात निकलने को हुई, उन्हें घोड़ी पर सवार देख गांव के दबंग आग बबूला हो गए। बारात निकासी के दौरान उन्होंने हंगामा कर दिया। उन्होंने बारातियों से गाली गलौज भी की। उन्होंने दूल्हे को घोड़ी से उतार दिया। और बारात को गली से नहीं गुजरने दिया। जिसके बाद पुलिस आरक्षक दूल्हे ने स्थानीय थाने में खबर कर वहां से पुलिस बल बुलवाया और पुलिस के संरक्षण में वह घोड़ी पर सवार होकर अपनी बारात निकाली इस दौरान गांव की हर गली से बारात गुजरी, दबंगों को सबक सिखाने के लिए पुलिस ने दूल्हे को गांव की सैर करवाई। इसके बाद दूल्हा दुल्हनिया के साथ ब्याह रचाने पहुंचा।

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दबंगों की इस हरकत के बारे में दूल्हे का कहना है कि उनके गांव दलितों के घोड़ी चढ़ने पर मनाही है। उच्च वर्ग के लोगों को बारात के डीजे से नहीं बल्कि उनकी घोड़ी से परेशानी थी। गांव में कभी किसी दलित ने घोड़ी चढ़कर बारात निकालने की हिम्मत नहीं की। दूल्हा इस परंपरा को तोड़ना चाहता था। इसके लिए उन्होंने पुलिस और प्रशासन की मदद ली। घटना की जानकारी पाकर छतरपुर कलेक्टर, बड़ामलहरा और बिजावर थाने का पुलिस बल सुरक्षा देने पहुंचा था। 

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यह पहला मौका नहीं है जब किसी दलित को घोड़ी पर चढ़ने से रोका गया है। इससे पहले सागर में  दलित दूल्हे के घोड़ी चढ़ने पर दबंगों ने उसके घर पर पत्थर फेंके और गाड़ियों में तोड़फोड़ की थी। जिसके बाद गांव में तनाव की स्थिति बन गई थी।