MP: हाथ में संविधान की किताब लेकर घोड़ी चढ़ा दलित दूल्हा, दबंगों ने दी थी धमकी

घोड़ी चढ़ोगे को साल भर में गांव छोड़ना होगा, दबंगों की धमकी के बाद संविधान की किताब लेकर घोड़ी चढ़ा दलित दूल्हा, तनाव देखने हुए 100 पुलिसकर्मी रहे तैनात

Updated: Jan 29, 2022, 07:58 AM IST

नीमच। मध्य प्रदेश के नीमच में एक दलित दूल्हे को डर के साए में बारात निकालनी पड़ी। इसका कारण है दबंगों की धमकी। बताया गया कि गांव के दबंगों ने धमकी दी थी कि यदि घोड़ी चढ़ोगे तो साल भर में गांव छोड़ना होगा। इन धमकियों के बीच दूल्हा हाथ में संविधान की किताब लेकर घोड़ी चढ़ा। हाथ में संविधान की किताब लिए दूल्हे ने कहा कि यह पुस्तक सभी लोगों को बराबरी का अधिकार देता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक नीमच जिले के मनासा से लगभग 3 किमी दूर स्थित ग्राम सरसी के फकीरचंद मेघवाल ने जिला कलेक्टर को आवेदन देकर बेटे राहुल मेघवाल की शादी में दबंगों द्वारा माहौल खराब करने से संबंधित शिकायत दर्ज कराई थी। कलेक्टर ने मामले पर संज्ञान लेते हुए पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया था कि दलित परिवार को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाए। 

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गणतंत्र दिवस के अगले दिन राहुल की जब बारात निकली तो गांव में तीन थानों की पुलिस मौजूद थी। बारात निकलने से पहले करीब 100 पुलिसकर्मियों ने गांव में फ्लैग मार्च किया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों और जवानों की मौजूदगी में राहुल की बारात निकली। मौके पर तहसीलदार, एसडीओपी, एसडीएम सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान लोग डर के साए में भी झूमते और नाचते दिखे। 

दूल्हा राहुल मेघवाल ने बताया कि दबंगों ने उसके परिजनों को धमकी दी थी कि अगर बारात घोड़ी पर निकाली तो 1 साल में गांव छोड़ना पड़ जाएगा। बारात के दौरान गांव में बड़ी संख्या में भीम आर्मी के सदस्य भी मौजूद थे। मामले पर भीम आर्मी मध्य प्रदेश के प्रभारी सुनील अस्तेय ने कहा कि, 'समाज में जातिवाद की जड़े इतनी गहरी हैं कि कोई ऊंची जाति का शख्स नहीं चाहता कि कोई दलित का लड़का या आदिवासी का लड़का घोड़ी पर बैठकर गांव से बारात निकाले। 

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सुनिल अस्तेय ने आगे कहा कि, 'एक ओर भारत के विश्व गुरु बनने की बात की जाती है लेकिन दूसरी तरफ आप देखिए यहां हालात कैसे हैं। दलित दूल्हा घोड़ी पर चढ़ना चाहता है तो उसे पुलिस बुलानी पड़ती है। गांव जिस तरह पुलिस अधिकारियों का अमला मौजूद था, उससे साफ झलकता है कि इस इलाके में दलितों की क्या स्थिति है। लोग कब तक डर के साए में रहेंगे और कबतक पुलिस तैनात रहेगी?'