पूरी सरकार दलालों के माध्यम से चलती है, झा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर नहीं हुई कार्रवाई, शिवराज सरकार पर जमकर बरसे दिग्विजय सिंह

मेधा पाटकर ने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार ने पुनर्वास कार्यों में उजागर हुए भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं की, वहीं दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी सरकार ही दलालों के माध्यम से चलती है

Updated: Mar 08, 2022, 06:24 AM IST

Photo Courtesy: Dainik Bhaskar
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भोपाल। सोमवार को राजधानी भोपाल में नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटकर और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेधा पाटकर और दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर नर्मदा विस्थापितों की पुनर्वास प्रक्रिया और वैकल्पिक ज़मीन मुहैया कराने की प्रक्रिया में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई न करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पिछले 6 वर्षों से शिवराज सरकार ने दोषियों पर कार्रवाई के प्रति अपना उदासीन रवैया अपनाया हुआ है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह पूरी सरकार ही दलालों और भ्रष्टाचारियों के माध्यम से चलती है।

नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटकर ने सरदार सरोवर बांध में हुए घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि सर्वोच्च अदालत के फैसलों के आधार पर 2005 से डूब प्रभावित किसानों को वैकल्पिक खेती लायक ज़मीन उन्हें मुहैया कराई जानी थी। लेकिन पुनर्वास कार्यों में कई तरह के भ्रष्टाचार उजागर हो गए। जिसके बाद 2007 में नर्मदा बचाओ आंदोलन ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख किया। उच्च न्यायालय ने श्रवणशंकर झा की अध्यक्षता में आयोग गठित किया। 

मेधा पाटकर ने बताया कि झा आयोग ने अपनी जांच में खेती के लिए वैकल्पिक जमीन और पुनर्वास की पूरी प्रक्रिया में अनियमितताओं को पाया। 2016 में यह रिपोर्ट सामने आई थी, लेकिन दोषियों पर कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई। 

वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि प्रदेश में कमल नाथ सरकार आने के बाद मेधा पाटकर और तत्कालीन सरकार के बीच दो तीन बैठकें हुईं। दोषियों पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन इसी वक्त प्रदेश की कमान वापस बीजेपी के हाथों में चली गई और पूरी कार्रवाई एक बार फिर ठंडे बस्ते में चली गई। 

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी सरकार ही दलालों और भ्रष्टाचारियों के माध्यम से चल रही है। दिग्विजय सिंह ने बताया कि झा आयोग ने भ्रष्ट अधिकारियों के नाम पते तक उजागर कर दिया थे। शिवराज सरकार ने अगस्त 2016 में दोषियों पर कार्रवाई का आदेश निकालते हुए जांच इंदौर कमिश्नर के हाथों में सौंप दी। इसके बाद भ्रष्टाचार करने वाले लैंड एक्यूजेशन ऑफिसर को ही दोषियों पर मुकदमा दर्ज कराने की जिम्मेदारी दी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि आखिर जिस अधिकारी का नाम खुद भ्रष्टाचार में सामने आया हो, वो अधिकारी खुद के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज क्यों करेगा?