विदेशों में पीएचडी करने वाले SC छात्रों की छात्रवृत्ति की अवधि बढ़ाए सरकार, दिग्विजय सिंह ने सीएम को लिखा पत्र

कांग्रेस नेता ने विदेश जा कर पढ़ने वाले छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में राज्य सरकार के भेदभाव भरे रवैए का भी उल्लेख किया है, उन्होंने कहा है कि अनुसूचित जाति के छात्रों को महज़ दो वर्ष की छात्रवृत्ति दी जा रही है

Updated: Feb 11, 2022, 04:56 AM IST

भोपाल। विदेशों में पीएचडी करने वाले मध्य प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों के साथ शिवराज सरकार भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस संबंध में सीएम शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को पीएचडी के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति की अवधि बढ़ाने की मांग की है। 

दरअसल विदेशों में पढ़ने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार चार वर्षों तक छात्रवृत्ति मुहैया करा रही है। लेकिन अनुसूचित जाति के छात्रों को महज़ दो वर्ष की अवधि तक की छात्रवृत्ति दी जा रही है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाली छात्रा की छात्रवृत्ति की समस्या उठाते हुए सीएम शिवराज से छात्रवृति की नीति में बदलाव करने की मांग की है। 

दिग्विजय सिंह ने इंदौर की रहने वाली छात्रा निधि गंगापारिख की समस्या सीएम शिवराज से साझा करते हुए कहा है कि निधि यूके के हेरियाट विश्वविद्यालय से पीएचडी करना चाहती है। उसने प्रवेश हेतु इंटरव्यू भी पास कर लिया है। लेकिन प्रदेश सरकार के छात्रवृत्ति और गुजारा भत्ता के निर्धारित मापदंड की वजह से वह अपना एडमिशन करा पाने में असमर्थ है।

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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने छात्रा के लिए चार वर्षीय छात्रवृत्ति और गुजारा भत्ता स्वीकृत करने की मांग की है। ताकि वह यूके में पीएचडी की पढ़ाई कर सके। दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज से कहा है कि चूंकि यह नीतिगत निर्णय है, इसलिए अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को भी पीएचडी कोर्स में चार वर्ष की छात्रवृत्ति देने की अवधि बढ़ाकर चार वर्ष किया जाए।