दो वर्षों से नहीं मिली अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति, कमल नाथ ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना

कमल नाथ ने कहा कि शिवराज सरकार खुद को अन्य पिछड़ा वर्ग का हितैषी तो बताती है लेकिन इस वर्ग के छात्रों के लिए ही सरकार के पास राशि नहीं है

Publish: Feb 22, 2022, 09:23 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में हो रही देरी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शिवराज सरकार पर हमला बोला है। पीसीसी चीफ ने कहा है कि शिवराज सरकार खुद को पिछड़ा वर्ग का हितैषी तो बताती है लेकिन इस वर्ग से आने वाले छात्रों के लिए ही शिवराज सरकार के पास पैसा नहीं है। कमल नाथ ने कहा कि दो वर्षों से छात्रवृत्ति न मिलने के कारण वे आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे हैं।

कमल नाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के सरकारी और शासन से मान्यता प्राप्त स्कूलों एवं कॉलेजों में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के अध्ययनरत छात्रों को दो वर्ष से अधिक समय से छात्रवृत्ति का वितरण नहीं हुआ है। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रतिवर्ष पिछड़ा वर्ग के लगभग पांच से छह लाख विद्यार्थी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करते हैं। 2020-21 के लगभग पांच लाख विद्यार्थियों में से अधिकांश को पूर्ण छात्रवृत्ति का वितरण अभी तक नहीं हुआ है, इसी प्रकार वर्ष 2021-22 के लगभग छह लाख छात्रों को छात्रवृत्ति का अभी इंतजार है। 

कमल नाथ ने कहा विगत दो वर्षों से छात्रवृत्ति का वितरण नहीं किये जाने से विभिन्न उच्च शिक्षा से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों एवं निजी संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को प्रतिदिन आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। विभाग द्वारा निरन्तर बजट की मांग की जा रही है पर सरकार बजट उपलब्ध कराने में असफल साबित हुई है।द्वितीय अनुपूरक बजट में भी महज थोड़ी सी राशि देकर सरकार ने अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली।

कमल नाथ ने शिवराज सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ख़ुद को अन्य पिछड़ा वर्ग का सच्चा हितैषी बनने वाली शिवराज सरकार का यह सच है कि अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिये ही सरकार के पास राशि नहीं है और दावे रोज़ बड़े-बड़े किये जाते है।

यह भी पढ़ें : विदेशों में पीएचडी करने वाले SC छात्रों की छात्रवृत्ति की अवधि बढ़ाए सरकार, दिग्विजय सिंह ने सीएम को लिखा पत्र

छात्रवृत्ति के मामले में हाल ही में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी सीएम शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने बताया था कि शिवराज सरकार विदेशों में पीएचडी की पढ़ाई करने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को चार वर्ष की स्कॉलरशिप मुहैया करा रही है। लेकिन अनुसूचित जाति के छात्रों को महज़ दो वर्ष की छात्रवृत्ति दी जा रही है। कांग्रेस नेता ने सीएम को पत्र लिखकर छात्रवृत्ति की अवधि बढ़ाने की मांग की थी।