गौरक्षक ही बने भक्षक, BJP नेता की गौशाला में सैंकड़ों मृत गायें, मारकर हड्डियां बेचने की आशंका

राजधानी भोपाल स्थित गौ सेवा भारती गौशाला का मामला, कुएं में मिली 20 से अधिक मृत गायें, खेतों में सैंकड़ों गौवंशों का कंकाल, स्थानीय लोगों के मुताबिक बड़े स्तर पर गायों की हत्या कर होता था व्यापार, दिग्विजय सिंह ने की गौ हत्या का प्रकरण दर्ज करने की मांग

Updated: Jan 30, 2022, 01:56 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है। यहां गौरक्षक ही भक्षक बने हुए थे। भोपाल के बैरसिया स्थित गौसेवा भारती गौशाला में सैंकड़ों मृत गायें पाई गई है। आशंका है कि यहां बीजेपी नेता द्वारा बड़े स्तर पर गौवंशों को मारकर चमड़ी और हड्डियों का व्यापार किया जाता था। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इस मामले में गौशाला संरक्षक के खिलाफ गौहत्या का मुकदमा करने की मांग की है। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को इस गौशाला में 8 गौवंशों की मौत की जानकारी मिली थी। इसके बाद रविवार को बड़ी संख्या में स्थानीय लोग वहां इकट्ठे हो गए। स्थानीय निवासी अक्षत मालवीय ने बताया कि वह सुबह करीब साढ़े 9.30 बजे बैरसिया के बसई तालाब के पास बनी गौ सेवा भारती गौशाला पहुंचे। वहां पर आसपास जगह-जगह मृत गौवंशों के शव पड़े हुए थे। एक कुआं भी मृत गायों से भरा हुआ था।

गौशाला में सैंकड़ों की संख्या में मरे गौवंशों को देख लोग आक्रोशित हो गए। मामला बढ़ता देख गौशाला में पुलिसबल को तैनात किया गया। बताया जा रहा है कि वहां मौजूद कुएं में दो दर्जन से अधिक गौवंशों का शव बरामद हुआ। वहीं खेतों में सैंकडों की संख्या में मृत गौवंशों के कंकाल पड़े हुए थे। शवों को देखकर प्रतीत हो रहा था कि इनमें कईयों की मौत महीनों पहले हुई थी।

इस गौशाला का संचालन बीजेपी नेतृ निर्मला शांडिल्य करती हैं। सरकार से गौसेवा के नाम पर वह लाखों रुपए अनुदान भी लेती रही हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि यहां हजारों की संख्या में गौवंशों की हत्या की गई है। गौवंशों की हत्या कर कई वर्षों से बड़े स्तर पर चमड़ा और हड्डियों का कारोबार किया जाता था। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस प्रकरण में गोशाला के संचालक मंडल पर गौ हत्या का प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। 

ग्रामीणों का आक्रोश देखते हुए भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने जांच के निर्देश दे दिए हैं। कलेक्टर ने कहा है कि गौशाला संचालन की जिम्मेदारी प्रशासन ने अपने हाथ में ले लिया है। लवानिया के मुताबिक मृत गाय की मौत के सही कारणों की पड़ताल के लिए तीन से चार शव का पोस्टमार्टम करने के निर्देश दिए गए है। वहीं, संचालक के खिलाफ धारा 133 के तहत प्रकरण दर्ज करने का निर्देश दिया है।

बीते दिनों एक आरटीआई से जानकारी मिली थी कि साल 2015 से 2021 तक इस गौशाला को 37 लाख रूपए से ज्यादा के अनुदान मिले हैं। वहीं गौशाला संचालकों द्वारा प्रतिवर्ष गौवंशों की मृत्यु का आंकड़ा भी गलत दिया जाता था। सीएम शिवराज के सत्ता में दुबारा वापसी के बाद इस गौशाला को 21 लाख रुपए मिले हैं।

पिछले पांच वर्षों में गौशाला को मिली अनुदान राशि

2015-16 में 4,11,601

2016-17 में 1,97,334

2017-18 में 5,93,468

2018-19 में 4,97,625

2019-20 में 8,89,648

2020-21 में 12,19,380

RTI से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 5 वर्षों में यहां हुई इतनी मौतें

15-16 में 8 मौत

16-17 में 9 मौत

17-18 में 0 मौत

18-19 में 20 मौत

19-20 में 14 मौत

20-21 में 12 मौत