सीएम शिवराज आज पेश करेंगे 15 वर्षों का रिपोर्ट कार्ड, कांग्रेस बोली– काले कारनामों का ब्यौरा देना न भूलें

सोमवार को राजधानी दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे रिपोर्ट कार्ड का लोकार्पण, कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे एमपी के सांसद

Updated: Apr 04, 2022, 10:28 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार आज एक विशेष रिपोर्ट कार्ड पेश करने जा रही है। इसे मध्यप्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट 2022 नाम दिया गया है। राज्य सरकार के मुताबिक इस स्पेशल रिपोर्ट कार्ड में राज्य में बीते डेढ़ दशक में सुशासन और विकास संबंधी खास रिपोर्ट जारी की   जा रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को राजधानी दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर में रिपोर्ट कार्ड का लोकार्पण करेंगे। इस कार्यक्रम में एमपी के सभी सांसद शामिल होंगे। एमपी कैडर के सभी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं उन्हें भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। 

खास बात यह है कि इस मौके पर दुनियाभर के राजदूतों को भी आमंत्रित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में विशेष रूप से शामिल होंगे। अधिकारियों का कहना है कि यह रिपोर्ट कार्ड अपनी तरह का पहला दस्तावेज होगा जोकि एमपी की अनूठी खूबियों को सामने लाएगा- इस कार्ड में वितरण प्रणाली, साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने, सामुदायिक जुड़ाव और भागीदारी, मजबूत नीतिगत उपाय और व्यापक निगरानी जैसे मध्यप्रदेश सरकार के अनूठे प्रयोगों के परिणाम सामने लाने का प्रयास किया गया है। 

जानकारी के मुताबिक इस रिपोर्ट कार्ड में कुल 12 अध्याय हैं, जिन्हें पांच खंडों में वर्गीकृत किया गया है। रिपोर्ट के प्रथम खण्ड में सुशासन की विशिष्टताओं का वर्णन है जबकि द्वितीय खण्ड कोविड-19 पर केन्द्रित है। इसमें महामारी के प्रबंधन में हुए बदलाव एवं विकास का विवरण है। तृतीय खण्ड में कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग एवं व्यापार, चतुर्थ खण्ड में 'पर्यवेक्षण व मूल्यांकन'है। रिपोर्ट के अंतिम खण्ड राज्य में प्रमुख क्षेत्रों के विकास और विकास के लिए सुझाव दिए गए हैं।

कांग्रेस ने रिपोर्ट कार्ड को लेकर शिवराज सरकार को निशाने पर लिया है। युवा कांग्रेस नेता आनंद जाट ने कहा की, "आज मध्य प्रदेश में किसान, मजदूर, नौजवान, माताएं-बहनें और नौकरीपेशा वर्ग सब परेशान हैं। नीति आयोग के सूचकांक में मध्य प्रदेश देश का चौथा सबसे गरीब राज्य है। यहां की 37 फीसदी आबादी यानी तकरीबन ढाई करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं। MP शिक्षा के क्षेत्र में 19 बड़े राज्यों में नीचे से तीसरे नंबर पर है और स्वास्थ्य के मामले में नीचे से दूसरे पायदान पर है।"

आनंद जाट ने आगे कहा, "राज्य में कुपोषण और दलित-आदिवासियों पर अत्याचार की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। शिवराज सरकार ने कर्ज लेकर घी पिया है और माफ़ियातंत्र को मजबूत किया है। व्यापम के जरिए घोटालों का रिकॉर्ड स्थापित किया है। रिपोर्ट कार्ड में सरकार इन उपलब्धियों को बताए। दुनियाभर के राजदूत जानेंगे की एक अकेले सीएम ने कितने काले कारनामे किए हैं।"