कृषि उपज मंडी में लागत से भी कम मिल रहा था भाव, दुखी किसान ने फेंक दिया एक ट्रॉली लहसुन

मध्य प्रदेश के लहसुन किसानों को फायदा तो दूर लागत मूल्य का भी संकट, रेट नहीं बढ़ने दे रहे हैं व्यापारी, धार में किसान ने सड़क पर फेंक दिया 20 क्विंटल लहसुन

Updated: Jan 10, 2022, 12:59 PM IST

धारा। मध्य प्रदेश के धार, मंदसौर, उज्जैन व अन्य जिलों में इस बार लहसुन की बंपर पैदावार हुई है। हालांकि, अच्छी उपज होने के बावजूद किसानों की परेशानियां खत्म नहीं हो रही है। दरअसल, मंडी में लहसुन का रेट लागत मूल्य से भी कम मिल रहा है। इसी बात से दुखी एक किसान ने एक ट्रॉली लहसुन सड़क पर फेंक दिया।

जानकारी के मुताबिक धार जिले के सरदारपुर तहसील अंतर्गत दसई गांव के रहने वाले किसान सुनील पाटीदार अपनी उपज लेकर इंदौर मंडी में बेचने के लिए आए थे। वे एक ट्रॉली में करीब 20 क्विंटल लहसुन भरकर मंडी पहुंचे थे। मंडी में उन्हें लहसुन का दाम 500 रुपए क्विंटल मिल रहा था। जबकि गांव से लाने में एक कट्टे का खर्च ही 60 रुपए देना पड़ा था। यानी सिर्फ लाने का खर्च ही 120 रुपए प्रतिक्विंटल लग गए। 

ऐसे में फायदा तो दूर 5 रुपए किलो लहसुन बेचने में उनका लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा था। इसी बात से गुस्सा होकर उन्होंने एक ट्रॉली लहसुन सड़क पर फेंक दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा कोई सुनने वाला नहीं है, हम बर्बाद हो गए और वापस अपने गांव चले गए। बता दें कि रतलाम और मंदसौर मंडियों का भी वही हाल है। 

आश्चर्य की बात यह है कि प्रदेशभर में बाजार में लहसुन का रेट 80-100 रुपए किलो है। लेकिन जब बात किसानों की आती है तो उन्हें 5 रुपए किलो ही दिया जा रहा है। जानकार बताते हैं कि ऐसा इसलिए हो रहा है कि व्यापारी रेट बढ़ने ही नहीं दे रहे हैं। सभी जिलों के व्यापारियों का आपस में गठजोड़ है और वे किसानों की मजबूरी का भरपूर फायदा उठा रहे हैं। पिछले महीने ही लहसुन किसानों द्वारा उपज को आग लगाने की भी घटना सामने आ चुकी है, लेकिन शासन के स्तर पर भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रहा है।