MP में किसानों के पास जहर खाने तक के पैसे नहीं हैं, शिवराज के मंत्री ने बताया किसानों का हाल

पीएचई मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव ने एक बैठक के दौरान कहा कि परीक्षा के बीच गांवों में बिजली काटी जा रही है, किसानों के पास जहर खाने के भी पैसे नहीं हैं, फसल होते ही बिजली बिल जमा करेंगे

Updated: Feb 28, 2022, 04:50 AM IST

अशोकनगर। मध्य प्रदेश के किसानों के पास जहर खाने तक के पैसे नहीं हैं। यह बात कोई किसान नहीं बल्कि शिवराज सरकार के मंत्री ही बयां कर रहे हैं। अशोक नगर में एक सरकारी बैठक के दौरान पीएचई मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन तोमर के सामने यह कहा जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।

दरअसल, अशोक नगर में ऊर्जा मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युमन तोमर और पीएचई मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव एक बैठक ले रहे थे। इस बैठक में बिजली कंपनियों के अधिकारी भी मौजूद थे। इस दौरान यादव ने ऊर्जा मंत्री तोमर से बिजली बिलों की बकाया राशि वसूलने के लिए चलाए जा रहे अभियान को रुकवाने की बात कही। उन्होंने कहा, 'मैं बिजली कंपनी वालों से तो कुछ नहीं कहूंगा, आप उस विभाग के मंत्री हैं, इसलिए मेरा अनुरोध है कि बिल जमा न करने पर गांवों की लाइट काटी जा रही है, इसे तत्काल रुकवा दीजिए।'

मंत्री यादव आगे कहते हैं कि, 'आज स्थिति यह है कि किसी भी किसान के पास जहर खाने तक को रुपए नहीं हैं। क्योंकि ओलावृष्टि और अतिवृष्टि की मार किसान पर पड़ चुकी है। हालांकि अभी फसल काफी अच्छी है, जब यह फसल आ जाएगी, तो 100 में से 90 प्रतिशत किसान तो बिल जमा कर ही देंगे।' पीएचई मंत्री ने बिजली कटौती को लेकर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि अभी परीक्षाएं चल रही है। हम लोगों को जवाब देते-देते पागल हो जाते हैं। इस पर  मंत्री तोमर ने पूछा कि 24 घंटे दी जाने वाली बिजली क्यों काट रहे हो? 

बैठक के दौरान मंत्री यादव बिजली कंपनी के एसइ राजेश सक्सेना पर भी फोन न उठाने को लेकर भड़क गए। उन्होंने कहा कि अब आपसे बात कराने के लिए एक आदमी अलग से रखना पड़ेगा। मैंने आपको 36 काल किए, मगर फोन नहीं उठाया। आप ध्यान रखिए, मंत्री का फोन उठना चाहिए। अगर फोन नहीं उठा पाए, तो रिटर्न करते। इस पर एसइ सक्सेना ने अपनी गलती मानते हुए तत्काल क्षमा मांगी। बहरहाल, किसानों के पास जहर खाने के पैसे नहीं है वाला मंत्री का बयान तेजी से वायरल हो रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलुजा ने कहा की, 'इससे ख़ुद ही शिवराज जी के 22 माह में किसानो के खाते में 1.72 लाख करोड़ डालने के दावे की हक़ीक़त समझी जा सकती है, मुआवज़े, फसल बीमा की राशि मिलने की वास्तविकता समझी जा सकती है।'