जयारोग्य अस्पताल में 5 दिनों के भीतर दूसरी बड़ी लापरवाही, फिर से जिंदा मरीज को मृत बताया

पिछले हफ्ते ही एक जीवित मरीज को मृत बताकर मॉर्चुरी में भेज दिया था, इस बार भी एक जीवित व्यक्ति को मृत बताकर  कर रहे थे पोस्टमार्टम की तैयारी

Updated: Mar 02, 2022, 06:26 AM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य का एक और कारनामा सामने आया है। यहां डॉक्टरों ने फिर से एक जीवित मरीज को मृत घोषित कर दिया। इतना ही नहीं जीवित व्यक्ति के पोस्टमार्टम की तैयारी भी शुरू हो गई थी लेकिन परिजनों ने जब देखा तो उसकी सांस चल रही थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जयारोग्य अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग के आईसीयू में मरीज शिवकुमार उपाध्याय ब्रेन हेमरेज के कारण भर्ती थे। डॉक्टरों ने इलाज के दौरान अचानक उन्हें मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद से परिजनों का रो,-रोकर बुरा हाल हो गया। इस बीच मरीज को 20 मिनट तक बिना लाइफ सपोर्ट सिस्टम के रखा गया। इतना ही मरीज की पोस्टमार्टम कराने की भी तैयारी थी।

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उधर परिजन पोस्टमार्टम शुरू होने से पहले मरीज को देखने पहुंचे तो उसकी सांसे चल रही है। उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि शिवकुमार की सांस चल रही है, लेकिन डॉक्टर मान नहीं रही  जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया, तब जाकर जेएएच अस्पताल प्रबंधन ने दोबारा मरीज को इलाज के लिए भर्ती किया। मरीज का फिलहाल इलाज चल रहा है उसकी हालर स्थिर है।

बता दें कि पिछले हफ्ते ही डॉक्टरों ने एक 31 वर्षीय जीवित महिला को मृत घोषित कर दिया। इतना ही नहीं महिला को पोस्टमार्टम के लिए मॉर्चुरी में भी शिफ्ट कर दिया। मॉर्चुरी में महिला के पति ने जब उसके सीने पर हाथ रखकर देखा तो धड़कनें चल रही थी। परिजनों ने जब इस बात पर गुस्सा होकर ट्रॉमा सेंटर में हंगामा मचाया, तब जाकर डॉक्टरों ने दोबारा इलाज शुरू किया।

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जयारोग्य हॉस्पिटल में मध्यप्रदेश के साथ ही पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मरीज भी इलाज के लिए आते हैं। इसके बावजूद ट्रॉमा सेंटर के हालात नहीं सुधर रहे हैं। नियम के अनुसार मरीज काे मृत घोषित करने से पहले ईसीजी होना चाहिए। अस्पताल में ईसीजी मशीन भी है। लेकिन डॉक्टर बिना ईसीजी के ही मरीजों को मृत घोषित कर देते हैं।