2 साल बाद खुलेंगे देवास के प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर के पट, लाखों की संख्या में आएंगे श्रद्धालु

बिलावली के इस प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर को लोगों की आस्था उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर से जोड़ती है। लोगों का कहना है कि उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के शिवलिंग का धीरे-धीरे क्षरण हो रहा है जबकि बिलावली महाकालेश्वर के शिवलिंग का आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है।

Publish: Feb 27, 2022, 01:05 PM IST

देवास। देशभर में महाशिवरात्रि की उमंग है। 1 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जायेगा। जिसकी सुव्यवस्थित तैयारियों में शासन और प्रशासन लगा हुआ है। इस शुभ अवसर पर देवास के प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर के द्वार पूरे दो साल बाद खुल रहे हैं। मंदिर शहर से पाँच किलोमीटर दूर बिलावली में स्थित है। देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुँचने की संभावना है।

खराब सड़क के कारण सकती है परेशानी

मंदिर तक पहुँचने का रास्ता मंडी से होकर गुजरता है। श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर पैदल जायेंगे और मंडी के सामने गिट्टी बिछी होने से लोगों को परेशानी हो सकती है। दरअसल फ्लाईओवर निर्माण के समय सड़क खराब हो गई थी, जिसे अब तक दुरस्त नहीं किया गया है। ट्रैफिक पुलिस ने योजना बनाई है जिसके अनुसार लोग वाहनों में 5 किलोमीटर तक जा सकते हैं। उसके बाद मक्सी बायपास से पैदल जाना होगा।

 ट्रैफिक टीआई सुप्रिया चौधरी ने बताया कि जो लोग मंडी के रास्ते नहीं जाना चाहते उनके लिए 2 किलोमीटर अतिरिक्त चलकर भोपाल बायपास से भी मंदिर पहुँचने का विकल्प होगा। ट्रैफिक डीएसपी किरण शर्मा ने पर्व से पूर्व मंडी मार्ग को ठीक करने के आदेश दे दिए हैं।

क्यों है इस मंदिर के प्रति लोगों की इतनी आस्था

बिलावली के इस प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर को लोगों की आस्था उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर से जोड़ती है। लोगों का कहना है कि उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के शिवलिंग का धीरे-धीरे क्षरण हो रहा है जबकि बिलावली महाकालेश्वर के शिवलिंग का आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है। दावे के अनुसार हर साल महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग का आकार एक तिल के बराबर बढ़ता है। कुछ लोग इसे चमत्कार तो कुछ लोग इसे अंधविश्वास कहते हैं।

स्थानीय निवासियों के पास शिवलिंग की पुरानी तस्वीर है। जिसमें शिवलिंग वर्तमान स्थिति से कुछ छोटा दिखाई देता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि प्राचीन शिवलिंग के बढ़ने के अनेक कारण हो सकते हैं। लेकिन लोगों की इस मंदिर के प्रति बहुत आस्था है। विगत दो सालों से चल रहे कोरोना काल के बाद इस महाशिवरात्रि से मंदिर के द्वार खुल रहे हैं।