आपदा में राहत के नाम पर ठगी: यूक्रेन में फंसी बेटी बचाने के लिए मांगे 42000, PMO अफसर के नाम पर ठगी

यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसी हैं विदिशा की बेटी सृष्टि विल्सन, ठग ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का अफसर बताकर मां से मांगे 42 हजार, पैसा लेकर गायब हुआ ठग

Updated: Feb 24, 2022, 11:03 AM IST

विदिशा। रूस ने यूक्रेन पर धावा बोल दिया है। रूसी सैनिक ताबड़तोड़ यूक्रेन पर बमबारी कर रहे हैं। इधर रूस में फंसे भारतीय छात्रों के परिजनों की चिंताएं बढ़ती जा रही है। आपदा की इस घड़ी को भी ठगों ने राहत के नाम पर कमाई का अवसर बना लिया है। यूक्रेन में फंसी मध्य प्रदेश के विदिशा की बेटी सृष्टि विल्सन की मां को प्रधानमंत्री कार्यलय का हवाला देकर एक अज्ञात व्यक्ति ने कॉल किया और टिकट भेजने के नाम पर 42 हजार रुपए ठग लिए।

कीव में फंसी 5वीं सेमेस्टर की मेडिकल स्टूडेंट सृष्टि विल्सन की मां वैशाली ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 11 बजे उन्हें एक नए नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का अधिकारी बताया। उसने अपना नाम प्रिंस बताया और सृष्टि की मां से कहा कि चिंता मत करिए हम आपकी बेटी को सुरक्षित लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

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इतना ही नहीं प्रिंस ने यह भी कहा कि कोई और भी अगर आपका जानकार यूक्रेन में फंसा है तो उसकी जानकारी भी दे दीजिए। हम उसकी भी टिकट करवा देंगे। बेटी की चिंता में घबराई वैशाली ने इसे सच मान लिया और तत्काल उसके खाते में 41 हजार 950 रुपए भेज दिया। वैशाली के मुताबिक प्रिंस ने पहले कहा था कि बुधवार दोपहर 4 बजे आपको टिकट भेज दूंगा। 4 बजे बोला कि 5 बजे भेजूंगा, फिर 8 बजे और गुरुवार दोपहर 2 बजे टिकट भेजने की बात कही। 

गुरुवार दोपहर 2 बजे के बाद से प्रिंस का नंबर स्विच ऑफ है। वैशाली के मुताबिक जब उन्होंने इस बात की शिकायत की तो उन्हें केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यलय से रमेश कनौजिया का फोन आया है। हद तो ये है कि कनौजिया ने कॉलर से बात करने के बाद उन्हें कहा कि प्रिंस ने 2 बजे तक का कहा है तबतक आप इंतजार कीजिए। 

CM हेल्पलाइन ने कहा यूक्रेन में FIR करें

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सृष्टि की मां को बताया कि पीएमओ में पूछने पर पता चला है कि प्रिंस नाम का कोई भी व्यक्ति वहां काम नहीं करता है। प्रियंक ने ही उन्हें FIR दर्ज कराने का सुझाव दिया। सृष्टि की मां का कहना हैं कि पहले भी उन्होंने अपनी बेटी को वापस लाने के लिए कई बार अधिकारियों से बात करने की कोशिश की थी। उन्होंने CM हेल्पलाइन से भी मदद मांगने के लिए कॉल किया था, लेकिन हेल्पलाइन के अधिकारियों ने कहा था कि हम यहां से कुछ नहीं कर सकते, आप यूक्रेन के थाने में ही केस दर्ज कराएं और अपनी बेटी को सुरक्षित रखें।