मोहन यादव को पद से हटाए भाजपा, विवादित बयान पर कांग्रेस ने की माफी की मांग

मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसमें भाजपा नेता ने महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को लेकर अपशब्ध कहे थे

Publish: Jan 28, 2022, 12:15 PM IST

Photo Courtesy : MPSamachar.in
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भोपाल। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सहित देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों को लेकर किये गये आपत्तिजनक पोस्ट के मामले में कांग्रेस पार्टी ने शिवराज सरकार के मंत्री मोहन यादव के इस्तीफे की मांग कर दी है। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने आपत्तिजनक पोस्ट पर माफी मांगने की मांग भी की है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने खुद बीजेपी को इस पूरे मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिये कहा है। 

कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा गोडसेवादी विचारधारा पर चलने वाली पार्टी है और समय समय पर वह इसका परिचय भी देती रहती है। सलूजा ने मोहन यादव को अपने पद का लिहाज़ करने की सलाह देते हुए कहा कि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जिनके ज़िम्मे राष्ट्रपिता के विचारो को व देश के इतिहास को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी है,वो अब राष्ट्रपिता को बड़ी बेशर्मी से फ़र्ज़ी पिता बता रहे हैं,महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं। 

नरेंद्र सलूजा ने आगे कहा कि भाजपा बताये कि वो महात्मा गांधी जी को क्या मानती है, राष्ट्रपिता है या फ़र्ज़ी पिता?नेहरू जी, इंदिरा जी, राजीव जी के प्रति क्या भाजपा की यही सोच है?कांग्रेस की माँग है कि इस टिप्पणी पर भाजपा मोहन यादव को मंत्री पद से तुरंत हटाये और देशवासियो से माफ़ी माँगे।

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दरअसल मोहन यादव का एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का अपमान किया है। मोहन यादव ने अपने पोस्ट में गणतंत्र दिवस के परेड का ज़िक्र करते हुए कहा था कि गणतंत्र दिवस की परेड में सुभाष चंद्र बोस और सरदार वल्लभभाई पटेल थे। परेड में न तो देश के फर्जी पिताजी थे, न फर्जी चाचा थे, न लोहे की महिला थी और न ही कंप्यूटर के आविष्कारक थे। 

हालांकि मोहन यादव ने जल्द ही इस पोस्ट को डिलीट कर लिया। लेकिन पोस्ट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। पोस्ट के वायरल होते ही लोगों ने मोहन यादव और बीजेपी के खिलाफ बोलना शुरु कर दिया और इसके साथ ही मोहन यादव को बर्खास्त करने की मांग भी ज़ोर पकड़ने लगी।