दबंगों ने मारी गोली, घायलों के खिलाफ ही FIR दर्ज, मुरैना के दलितों ने दिग्विजय सिंह से लगाई मदद की गुहार

उच्च जाति दबंगों ने पिछले साल दिसंबर में दलितों को मारी थी गोली, घटना के 6 दिन बाद पुलिस ने उल्टा पीड़ितों के खिलाफ दर्ज की FIR, पूर्व CM दिग्विजय सिंह बोले- यदि पुलिस ने न्याय नहीं किया तो मैं स्वयं लड़ूंगा दलितों की लड़ाई

Updated: Feb 14, 2022, 11:58 AM IST

मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में पिछले साल हुए गोलीकांड का मामला एक बार फिर तूल पकड़ने लगा है। मुरैना गोलीकांड के पीड़ितों ने पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह से मदद की गुहार लगाई है। सिंह ने कहा है कि यदि पुलिस ने दलितों के साथ न्याय नहीं किया तो मैं स्वयं दलितों की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ूंगा। उन्हें न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास करेगी।

दिग्विजय सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निशाने पर लेते हुए पूछा है कि क्या इसी तरह आप दलितों का सम्मान बढ़ाएंगे। सिंह ने शिकायत की प्रति भी साझा किया है जो पीड़ित परिजनों ने उन्हें सौंपी है। इसमें बताया गया है कि, 'मुरैना के बीरमपुरा में बीते साल 22 दिसंबर को ब्राह्मणों ने जाटवों के घर में घुसकर तोड़फोड़ की थी और झोपड़ियों में आग लगा दिया था। इस घटना को लेकर फरियादी मोहर सिंह जाटव जब बागचीनी थाने में एफआईआर करने जा रहे तब रास्ते में आरोपी लंकेश शर्मा और उसके साथियों ने कट्टे-बंदूक और लाठी-डंडों से हमला कर दिया।'

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इस दौरान जाटव समुदाय के तीन व्यक्तियों के गोली लगी और दर्जन भर महिला-पुरूष को लाठी डंडों से पीटा गया। बाद में वहां पुलिस पहुंची। जाटव समाज के घायलों को लेकर जिला चिकित्सालय मुरैना भेजा गया जहां से हालत गंभीर होने कारण ग्वालियर रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों ने यहां आपरेशन घायलों के शरीर से गोली को निकाला। पुलिस ने इस मामले में शिकायत के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार तक नहीं किया। हैरानी की बात यह है कि घटना के 6 दिन बाद उल्टे पीड़ितों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर ली गई। 

पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया है कि बागचीनी थाना प्रभारी प्रवीण त्रिपाठी भी ब्राह्मण है इसलिए वह अपने जाति के आरोपियों का पक्ष ले रहे हैं। त्रिपाठी ने केस को बराबर करने के लिए हमारे खिलाफ झूठा मुकदमा लगाया है। जबकि आरोपियों के पक्ष का कोई व्यक्ति घायल अवस्था में नहीं पाया गया था। पीड़ितों के मुताबिक वह इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों यहां तक डीजीपी को भी पत्र लिख चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

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पीड़ित पक्ष का कहना है कि अब उन्हें जान से मारने की लगातार धमकियां दी जा रही है। उन्होंने धमकियां मिलने की शिकायत भी मुरैना एसपी से की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और आरोपी निडर होकर क्षेत्र में घूम रहे हैं। पीड़ित पक्ष का दावा है कि आरोपी विशेष राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं, इसलिए दबाव में आकर पुलिस कोई एक्शन नहीं ले रही है।