जिस स्कूल में मोदी-शिवराज पढ़े हैं, उसे कांग्रेस ने ही बनाया है, सिंधिया के गढ़ में गरजे कमलनाथ

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भिंड में किया जन आक्रोश रैली को संबोधित, बोले- पीएम मोदी की दाढ़ी घटने-बढ़ने पर घटते-बढ़ते हैं पेट्रोल के दाम

Updated: Feb 23, 2022, 10:33 AM IST

भिंड। विधानसभा चुनाव से एक साल पहले ही मध्य प्रदेश की राजनीति दिलचस्प हो गई है। एक ओर जैन मुनि ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश का भावी मुख्यमंत्री बताया है दूसरी ओर कांग्रेस ने उनके सियासी दुर्ग को ढहाने में पूरी ताकत लगा दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज भिंड में हुंकार भरा  है। पिछले 20 दिनों के भीतर कमलनाथ दूसरी बार ग्वालियर-चंबल अंचल में पहुंचे हैं।

बुधवार दोपहर कमलनाथ जब भिंड पहुंचे तो उनके स्वागत में हजारों युवा सड़कों पर दिखे। भिंड में कांग्रेस के जन आक्रोश रैली सभा स्थल में जनसैलाब उमड़ा था। लोगों की भीड़ से गदगद कमलनाथ ने भी यहां पूरे जोश के साथ भाषण दिया। कमलनाथ ने कहा कि ये मुझसे हिसाब मांगते हैं, मैं कहता हूं कि आप जिस स्कूल में पढ़े हैं उसे कांग्रेस में ही बनाया था।

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जनसभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने सबसे पहले कहा कि चंबल की भूमि को प्रणाम करता हूं। यह वीरों की भूमि है, प्रेम की भूमि है, संस्कृति की भूमि है, संतों की भूमि है। मैं उन्हें नमन करता हूं। यहां की संस्कृति हमें जोड़कर रखती है, लेकिन इसी संस्कृति पर आक्रमण हो रहा है। सीएम शिवराज सिंह मुझसे 15 महीनों का हिसा मांगते हैं। वो सामने खड़े हो जाएं मैं उनको 15 महीनों का हिसाब देता हूं और वो मुझे 17 साल का हिसाब दें। शिवराज सिंह इतना झूठ बोलते हैं कि झूठ को भी शर्म आ जाती है। पीएम मोदी भी हिसाब मांगते हैं। मैं दोनों को बता देना चाहता हूं जिस स्कूल में आप पढ़े हैं वह कांग्रेस ने ही बनाया है फिर भी कहते हैं कांग्रेस ने 70 साल में क्या किया?'

पीसीसी चीफ ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'जैसे-जैसे प्रधानमंत्री मोदी की दाढ़ी बढ़ती है, पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ जाती हैं और जब वह अपनी दाढ़ी काटते हैं, तो कीमतें कम हो जाती हैं।' कमलनाथ ने आगे कहा कि, '15 माह के कार्यकाल में से ढाई महीने लोकसभा चुनाव में निकल गए। साढ़े 12 महीनों में हमने चम्बल के 2 लाख 70 हजार किसानों का कर्जा माफ किया। गौशालाएं बनवाईं, बिजली सस्ती की। कौन सा पाप किया। मध्यप्रदेश में निवेश लाने की शुरुआत की, ताकि नौजवानों को रोजगार मिले। लेकिन आज युवाओं का भविष्य अंधेरे में है। निवेश के लिए प्रदेश में सुरक्षित माहौल नहीं है।'

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दरअसल, मध्य प्रदेश में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र ही यह तय करता रहा है कि सत्ता की चाबी किसे मिलेगा। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस इलाके में ही बीजेपी को पछाड़ा था। तब सिंधिया कांग्रेस में थे और कमलनाथ ग्वालियर-चंबल अंचल में कम ही दौरा करते थे। लेकिन अब समीकरण अलग है, ऐसे में कांग्रेस ने इस क्षेत्र में नई टीम खड़ी करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस के दो-दो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह इस इलाके में ताबड़तोड़ दौरा कर रहे हैं, ताकि सिंधिया के जाने के बाद मायूस कार्यकर्ताओं में उत्साह भरा जा सके।