देश में पहली बार गिद्धों की हुई GPS टैगिंग, पन्ना टाइगर रिजर्व में 25 गिद्धों को GPS से टैग किया 

गिद्धों को सौर ऊर्जा चलित GPS उपकरणों से टैग किया गया है साथ ही इसमें 3D त्वरण सेंसर शामिल हैं, GPS टैग डेटा उपग्रह के माध्यम से ट्रैक किया जा रहा है

Updated: Mar 09, 2022, 04:48 AM IST

Photo Courtesy: Tribune India
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पन्ना। भारत में पहली बार गिद्धों की GPS टैगिंग हुई है। गिद्धों की टैगिंग मध्य प्रदेश स्थित पन्ना टाइगर रिजर्व में हुई। गिद्धों के व्यवहार और रहवास से जुड़ी प्रमाणिक जानकारी जुटाने की दिशा में इसे अहम पहल माना जा रहा है। गिद्ध टैली मेट्री परियोजना के तहत 25 गिद्धों की टैगिंग हो चुकी है।

पन्ना टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने बताया की यहां 25 गिद्धों को सौर ऊर्जा चलित GPS उपकरणों से टैग किया गया है। इसमें 3D त्वरण सेंसर शामिल हैं। GPS टैग डेटा उपग्रह के माध्यम से ट्रैक किया जा रहा है। डायरेक्टर शर्मा के मुताबिक जीपीएस टैगिंग का कार्य पन्ना टाइगर रिजर्व और भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के शोधकर्त्ताओं की टीम द्वारा 2020-21 एवं 2021-22 में सर्दियों के दौरान किया गया है।

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बता दें कि पिछले कुछ दशकों में गिद्धों की संख्या में भारी कमी आई है। गिद्धों के संरक्षण के प्रयास देशभर में तकरीबन 10-12 वर्ष पहले से शुरू हुए। टेलीमेट्री आधारित परियोजना इस दिशा में सार्थक कदम है। जीपीएस टैगिंग के माध्यम से गिद्धों के आने-जाने, प्रवास के मार्ग और रहवास आदि की महत्वपूर्ण जानकारी पता चलती है। इस व्यवस्था में जीपीएस टैगिंग के साथ गिद्धों के स्वास्थ्य परीक्षण में खून के नमूने लिए गए हैं। इससे गिद्धों के स्वास्थ्य का स्टेटस पता चल सकेगा।

GPS प्रणाली से अब तक 14 गिद्ध प्रजातियों को 24 देशों में टैग कर अध्ययन किया गया है। इसमें कोई भी भारत से नहीं है। भारत में गिद्धों की 9 प्रजातियां हैं। गिद्ध प्रजाति के संरक्षण में मध्य प्रदेश को अच्छे परिणाम मिले हैं। वर्ष 2021 में गिद्धों बढ़कर 9,446 हो गई है। भारत में उपलब्ध गिद्धों की 9 प्रजातियों में से 3 प्रजाति संकट ग्रस्त है। इनमें से 7 प्रजाति पन्ना टाइगर रिजर्व में उपलब्ध हैं।