सागर में डाकपाल ने सट्टे में गंवाई खाताधारकों की 1 करोड़ की जमापूंजी, दो साल से आईपीएल में लगा रहा था सट्टा

बीना के इस डाकपाल पर आईपीसी की धारा 420, 408 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है..आरोपी विशाल अहिरवार ने फर्जी फिक्स्ड डिपॉजिट खातों के लिए असली खाताबुक जारी की और पिछले दो साल से पूरा पैसा आईपीएल क्रिकेट सट्टेबाजी में लगा दिया

Updated: May 25, 2022, 03:39 AM IST

Courtesy : ETV News
Courtesy : ETV News

सागर। मध्यप्रदेश के सागर जिले में स्थित बीना के उप डाकघर में पदस्थ डाकपाल ने लोगों के भरोसे और जमा पूंजी पर कुल्हाड़ी चला दी, दरअसल उप डाकपाल द्वारा लोगों की जमा राशि से आईपीएल सट्टेबाजी का मामला सामने आया है, जिसमें उप डाकपाल ने फर्जी फिक्स्ड डिपॉजिट खातों के जरिए 24 परिवारों की एक करोड़ रुपए से ज्यादा की जमापूंजी आईपीएल क्रिकेट सट्टेबाजी में गवा दी। बीना के उप डाकघर में पदस्थ डाकपाल विशाल अहिरवार ने कुबूल किया कि उसने पिछले दो वर्षों में एक करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि आईपीएल क्रिकेट सट्टेबाजी में लगाई है। आरोपी विशाल अहिरवार को रेलवे पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है।

बीना रेलवे पुलिस थाना प्रभारी अजय धुर्वे ने बताया कि आरोपी उप पोस्ट मास्टर विशाल अहिरवार को गिरफ्तार कर लिया गया है अभी आरोपी पर आईपीसी की धारा 420, 408 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, आगे की जांच होने पर अन्य धाराएं जोड़ी जा सकती है। आरोपी विशाल अहिरवार ने फर्जी फिक्स्ड डिपॉजिट खातों के लिए असली खाताबुक जारी की और पिछले दो साल से पूरा पैसा आईपीएल क्रिकेट सट्टेबाजी में लगा दिया।

धोखाधड़ी की शिकार वर्षा ने बताया कि मेरे पति ने अपनी मृत्यु से पहले 9 लाख रुपये जमा किए थे, लेकिन मुझे हाल ही में विशाल अहिरवार द्वारा धोखाधड़ी के बारे में पता चला, जिसके बाद मैं उप डाकघर आई, जहां मुझे बताया गया कि सावधि जमा खाता संख्या ( जिसके लिए विशाल ने FD सर्टिफिकेट और पासबुक भी जारी किया था) मौजूद नहीं है, मेरे पति और ससुर अब जीवित नहीं हैं, मुझे नहीं पता कि अब क्या करना है।

केंद्र सरकार जहां एक ओर डाकघरों को बैंक में बदलना चाहती है और इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने पोस्ट पेमेंट बैंक की शुरुआत भी की है। अब इस तरह के धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद निश्चित रूप से ग्राहकों का पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट पर विश्वास कम होगा। आरोपी इससे पहले खिमलासा, सागर में पदस्थ था जहां उसे वित्तीय अनियमितताओं के चलते निलंबित किया गया था।