अब स्कूल में पढ़ाया जाएगा खुश रहने का हुनर, मध्य प्रदेश सरकार ने तैयार किया सिलेबस

मध्यप्रदेश के छात्रों को हैप्पीनेस से जुड़े सब्जेक्ट पढ़ाने की तैयारी, राज्य आनंद संस्थान ने किताबों का ड्राफ्ट किया तैयार, अगले सत्र से पाठ्यक्रम में शामिल हो सकता है विषय

Updated: Feb 05, 2022, 04:22 AM IST

Photo Courtesy: EconomicTimes
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भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य आनंद संस्थान ने कक्षा 9वीं से 12वीं के हैप्पीनेस सब्जेक्ट की किताबों का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। अब इसका काम फाइनल स्टेज पर है। राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद से कोर्स को मंजूरी मिलते ही अगले शिक्षण सत्र से आनंद एक विषय के रूप में स्कूलों में पढ़ाया जाएगा। हैप्पीनेस सब्जेक्ट सभी स्कूलों के हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी क्लासों के सिलेबस में शामिल किया जाएगा। खुशी को एक विषय के रूप में शामिल करने का फैसला कुछ महीने पहले ही लिया गया था। यह विषय 9वीं से 12वीं तक के हर स्ट्रीम के छात्रों के लिए अनिवार्य किे जाने की तैयारी है।

हालांकि मध्यप्रदेश सरकार ने साल 2016 में ही आनंद नाम का देश का पहला मंत्रालय स्थापित किया था। अब इसे शिक्षा और उसके पाठ्यक्रम में शामिल करने में भी यह अव्वल बनने जा रहा है। पिछले साल नवंबर 2021 में आनंद संस्थान की ओर से प्रदेश के 80 शिक्षकों को विषय की ट्रेनिंग दी जा चुकी है।

इसी कड़ी में प्रदेशभर के हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी क्लास के 80 विद्यार्थियों के साथ पांच दिनों तक बातचीत भी की गई थी। शिक्षकों और छात्रों से विस्तारपूर्वक हैप्पीनेस बुक के मसौदा पर चर्चा हुई, जिसमें छात्रों और शिक्षकों की तरफ से बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली। अब हैप्पीनेस बुक्स को फाइनल रुप देने के बाद राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) की मंजूरी का इंतज़ार है। इस मंजूरी के साथ ही आनंद नाम के विषय को पाठ्यक्रम में शामिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा।

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मध्यप्रदेश में स्थापित देश के पहले आनंद संस्थान की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं। पिछले साल वाराणसी में इसे लेकर मध्य प्रदेश की ओर से प्रेजेंटेशन भी दिया गया था। कार्यक्रम में बीजेपी शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री भी मौजूद थे। प्रदेश में आनंद विभाग की स्थापना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की जनता को खुशहाल और परिपूर्ण जीवन प्रदान करना है। इसके लिए लोगों को ऐसी एक्टिविटी में शामिल करवाया जाएगा जिससे उन्हें  खुशी हो। दावा है कि कोरोना काल के बाद लोगों के जीवन में आए अवसाद, तनाव और नेगेटिविटी को कम करने में ये विषय महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।