रीवा संभाग के 130 स्कूलों की मान्यता रद्द, कहीं एक कमरे में संचालित हो रहा स्कूल, कहीं से शिक्षक नदारद

सतना, सीधी, सिंगरौली समेत रीवा जिले के स्कूलों में मिली गड़बड़ी, बिल्डिंग, टीचर, खेल मैदान समेत अन्य मानकों पर खरे नहीं उतरे स्कूल, राजनैतिक रसूख के जरिए मान्यता बहाल करने में जुटे संचालक

Updated: Feb 10, 2022, 09:53 AM IST

Photo Courtesy: amar ujala
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भोपाल। मध्यप्रदेश के स्कूलों में होने वाली परीक्षाओं से पहले स्कूलों के निरीक्षण का काम जारी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने विभिन्न खामियों के मद्देनजर रीवा संभाग के 4 जिलों के 130 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है। इनमें सबसे ज्यादा 70 स्कूल रीवा जिले के हैं। यहां के हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में तय मानकों के अनुसार सुविधाएं नहीं मुहैया करवाई गईं थीं। कई स्कूलों में भवन, खेल मैदान, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला गाइडलाइन के अनुरूप नहीं मिले, तो वहीं कई स्कूलों में विषयों के शिक्षक, काउंसलर समेत अन्य स्टाफ केवल कागजों में दर्ज मिला।  

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एक साथ इतने स्कूलों की मान्यता रद्द होने से इन स्कूल संचालकों में हड़कंप मच गया है। नियमानुसार स्कूलों की मान्यता हर साल रिन्यू की जाती है। संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रीवा द्वारा स्कूलों को निरीक्षण किया गया। स्कूलों में मानकों की अनदेखी पर कार्रवाई की गई है। दरअसल शिक्षा विभाग की ओर से तीसरे या पांचवे साल में स्कूलों का निरीक्षण किया जाता है। जिन स्कूलों पर कार्रवाई की गई है, उनमें से कई स्कूल एक कमरे में संचालित होते हैं, तो कई स्कूलों में छात्रों के लिए खेल मैदान नहीं मिला। कई स्कूल ऐसे भी मिले जहां केवल कागजों पर शिक्षक हैं असल में नहीं। स्कूल संचालकों ने मान्यता हासिल करते वक्त छात्रों को सभी व्यवस्थाएं प्रदान करने का वादा किया था। लेकिन कई साल बाद भी उनमें कोई सुधार नहीं आया। जब निरीक्षण में ये कमियां उजागर हुई तो स्कूलों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की गई। स्कूल संचालक अपनी ऊंची और राजनीतिक पहुंच के माध्यम से स्कूलों की मान्यता बहाल करने के लिए भोपाल की ओर रुख कर रहे हैं। रीवा के जिन स्कूलों की मान्यता रद्द हुई है, उनसे ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों के भी स्कूल हैं। सिरमौर, सेमरिया, नईगढ़ी, देवतालाब इलाकों के स्कूल शामिल हैं।

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स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी मानकों के अनुसार 12वीं की मान्यता के लिए 56हजार वर्ग फीट और 10वीं तक की मान्यता के लिए 4000 वर्ग फीट जमीन अनिवार्य है। स्कूलों के पास अपना स्पोर्ट्स ग्राउंड, पार्किंग पानी, टायलेट, का इंतजाम होना चाहिए। वहीं 160 बच्चों और इसे ज्यादा क्षमता वाले हाई स्कूलों में प्रिंसिपल साथ 6 टीचर अनिवार्य होते हैं, स्कूलों में विषयों के अलावा, स्पोर्ट्स, म्यूजिक टीचर, और काउंसलर भी होना चाहिए। इन स्कूलों में कई नियमों का उल्लंघन पाया गाया। इन नियमों के पालन नहीं होने पर स्कूलों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की गई।