मुख्यमंत्री कन्यादान घोटाले में सीईओ सहित तीन गिरफ्तार, कोविड काल में फ़र्ज़ी शादियों से 18 करोड़ का घोटाला

कोरोना काल में सिरोंज जनपद में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 3,500 शादियां कराई गई थीं, इतनी कम अवधि और महामारी संकट के बीच बड़ी संख्या में विवाह का आंकड़ा चौंकाने वाले था, सिरोंज के विधायक उमाकांत शर्मा ने विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान यह मुद्दा उठाकर घोटाले को उजागर किया था

Updated: Feb 03, 2022, 11:04 AM IST

विदिशा। विदिशा के सिरोंज में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना घोटाला मामले में सिरोंज जनपद के सीईओ को गिरफ्तार कर लिया गया है। सीईओ के अलावा दो अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हुई है। इन पर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। ईओडब्ल्यू ने सिरोंज जनपद के सीईओ शोभित त्रिपाठी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इसकी पुष्टि खुद ईओडब्ल्यू के डीजी अजय शर्मा ने की है। अजय शर्मा ने बताया है कि ईओडब्ल्यू अभी इन लोगों से पूछताछ कर रही है।

सीईओ शोभित त्रिपाठी पर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 18 करोड़ से अधिक का घोटाला करने का आरोप है। शोभित त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से पैसों की निकासी के लिए कागज़ पर 3,500 जोड़ों की शादी करा दी। 

यह घोटाला दिसंबर महीने में उस वक्त उजागर हुआ था जब सिरोंज से बीजेपी के ही विधायक ने इसका मुद्दा विधानसभा में उठाया था। उमाकांत शर्मा ने शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में बताया था कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में सिरोंज जनपद में बड़ा घोटाला हुआ है।

प्रश्न काल के दौरान उमाकांत शर्मा ने कहा था कि कोरोना काल में सिरोंज जनपद में 6 हजार विवाह हुए। इसके लिए विवाह सहायता योजना के तहत भवन व अन्य सनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत श्रमिकों की पुत्रियों के विवाह में कन्यादान के नाम पर 51-51 हजार की राशि आवंटित की गई। 

उमाकांत शर्मा ने कोरोना काल में इतनी बड़ी संख्या में विवाह होने का मसला उठाते हुए रिश्वतखोरी का आरोप भी लगाया था। बीजेपी विधायक ने कहा था कि इसके लिए 20-20 हजार की रिश्वत ली गई। इसके जवाब में श्रम मंत्री बृजेंद्र सिंह ने भी स्वीकारा था कि सरकार को सिरोंज जनपद में विवाह सहायता योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली है।

बीजेपी विधायक द्वारा यह मसला उठाए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी चिंता जाहिर की थी। गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही के दौरान शिवराज सरकार को इस मामले की गहन पड़ताल करने के लिए कहा था। उमाकांत शर्मा ने सिरोंज जनपद के सीईओ को इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी करार दिया था।