धार में 60 मोरों की संदिग्ध मौत, कोटेश्वरी नदी के किनारे मिले शव, वन विभाग में हड़कंप
मोरों की मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन प्राथमिक जांच में यह संदेह जताया जा रहा है कि संभवतः जहरीला पदार्थ खाने या पानी पीने से यह हादसा हुआ हो सकता है।

धार। मध्य प्रदेश के धार जिले में एकसाथ 60 मोरों के मौत की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि कोटेश्वरी नदी के किनारे मोरों के शव मिले हैं। मोरों की संदिग्ध मौत की सूचना के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया। मोरों की मौत किस वजह से हुई है फिलहाल स्पष्ट नहीं है। शुरुआती तौर पर कहा जा रहा है कि कीटनाशक के सेवन से उनकी मौत हुई है।
मामला राजोद थाना क्षेत्र के आनंदखेड़ी गांव है। यहां 60 मोर मृत पाए गए। ये सभी मृत मोर कोटेश्वरी नदी के किनारे पर एक ही स्थान पर मिले, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। स्थानीय ग्रामीणों ने जैसे ही बड़ी संख्या में मृत पक्षी देखे, तुरंत इसकी जानकारी वन विभाग और पशु चिकित्सा अधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सभी मृत मोरों का मेडिकल परीक्षण (पोस्टमार्टम) किया गया।
इन मोरों की मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन प्राथमिक जांच में यह संदेह जताया जा रहा है कि संभवतः जहरीला पदार्थ खाने या पानी पीने से यह हादसा हुआ हो सकता है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कारण की पुष्टि हो सकेगी। पोस्टमार्टम के बाद सभी मृत मोरों का वन विभाग और ग्राम पंचायत की निगरानी में अंतिम संस्कार किया गया।
बता दें कि पिछले हफ्ते ही झाबुआ जिले के एक वन क्षेत्र में खेतों के पास 11 मोर मृत पाए गए थे। ये पक्षी थांदला तहसील के ढेबर बड़ी गांव में मृत पाए गए थे। यहां भी पोस्टमार्टम में प्रारंभिक रूप से मौत का कारण फूड पाइजनिंग सामने आया था।अधिकारियों का कहना था कि मौके पर खेतों पर में कीटनाशक भी पाया गया, संभव है कि कीटनाशक युक्त कोई अनाज खाने से मोरों की मौत हुई हो। बहरहाल, इस तरह की घटनाएं सिर्फ वन्यजीवों की सुरक्षा पर ही नहीं, हमारे पर्यावरण और जैव विविधता पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है।