होली पर पानी बचाने का संदेश देने वाले फैला रहे सांस्कृतिक आतंकवाद: BJP मंत्री विश्वास सारंग

मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि होली पर पानी बचाने का संदेश युवाओं को संस्कृति से विमुक्त करने का प्रयास है, मंत्री सारंग के इस बयान पर कांग्रेस ने कहा है कि पता नहीं ये क्या पीते हैं

Updated: Mar 17, 2022, 11:15 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के बड़बोले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग एक बार फिर सुर्खियों में हैं। महंगाई के लिए नेहरू को जिम्मेदार बताने वाले सारंग ने इस बार होली पर पानी बचाने वाले संदेशों को आतंकवाद से जोड़ दिया है। मंत्री सारंग ने कहा है कि होली पर पानी बचाने का संदेश देने वाले लोग सांस्कृतिक आतंकवाद फैला रहे हैं।

विश्वास सारंग ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, 'हमारे युवाओं को हिंदू त्यौहारों से दूर करने की साजिश की जा रही है। सिर्फ होली पर पानी बचाने का संदेश चलाने से काम नहीं चलेगा। यह संदेश चलाने वाले लोग वह हैं, जो होली पर पानी बचाने की बात बोलते है। अपनी गाड़ी को चमकाने के लिए न जाने कितना पानी नष्ट कर देते हैं। हमारे तीज एवं त्यौहारों पर ही इस प्रकार की बात क्यों सामने आती है?'  

सारंग ने आरोप लगाया कि पर्यावरण के बहाने कुछ लोग हमारे त्यौहारों पर हमले कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'संस्कृति से जुड़े किसी त्योहार व पुरातन परंपरा के साथ कुठाराघात करना आने वाली पीढ़ियों के साथ कुठाराघात है। होली केवल त्योहार नहीं है, बल्कि यह एकरूपता का संदेश देने वाला प्रकल्प है। जो यह संदेश दे रहे हैं वे सांस्कृतिक आतंकवाद फैला रहे हैं।'

सारंग के इस बयान पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि पता नहीं ये क्या पीते हैं। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलुजा ने ट्वीट किया, 'महंगाई के लिये नेहरू जी के 1947 के लालक़िले से दिये भाषण को ज़िम्मेदार बताने वाले प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग का एक और सनसनीखेज़ बयान..होली पर पानी बचाने का संदेश देने वाले फैला रहे है सांस्कृतिक आतंकवाद। पर्यावरण की बात करने वाले कर रहे कुठाराघात।'

सलुजा ने आगे लिखा कि, 'पता नही ये मध्यप्रदेश के मंत्री क्या खाते है, क्या पीते है। रोज़ ऊलजलूल बयान देते है ,प्रदेश का देश भर में रोज़ मज़ाक़ उड़वातें हैं। देश भर में कई मीडिया संस्थान, सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावणविद् और बुद्धिजीवी वर्ग इस तरह की अपील करते है,अब ये सब सांस्कृतिक आतंकवाद की श्रेणी में?'