बद से बद्तर हुए प्रदेश के हार्थिक हालात

प्रदेश के जीएसटी कलेक्शन में 85 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है.

Publish: May 07, 2020, 02:45 AM IST

लॉकडाउन ने मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर डाला है. लॉकडाउन की वजह से अप्रैल महीने में प्रदेश के जीएसटी कलेक्शन में 85 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है.

प्रदेश के वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा, “हमने करीब 250 करोड़ रुपये इकट्ठा किए. यह पिछले महीने के कलेक्शन का केवल 15 प्रतिशत है. यह लक्ष्य से बहुत कम है.”

अंग्रेजी अखबार द हिंदू के अनुसार प्रदेश भर में खनन गतिविधियां बंद पड़ी हुई हैं वहीं प्रदेश के 9 रेड जोन जिलों में तीन भोपाल, इंदौर और उज्जैन में शराब की दुकानें नहीं खुल रही हैं, बाकी के 43 जिलों में ठेके खुल रहे हैं.

अनुराग जैन ने बताया कि खनन और उत्पाद शुल्क से बिल्कुल भी कमाई नहीं हो रही है. पेट्रोल और डीजल पर वैट में भी 60 से 65 प्रतिशत की गिरावट आई है.

वहीं केंद्र सरकार ने भी अभी तक केवल दिसंबर और जनवरी के ही जीएसटी एरियर का भुगतान किया है. फरवरी और मार्च में हुए नुकसान की भरपाई के 2,100 करोड़ रुपये और दूसरे बकाया का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है.

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जाहिर है कि मध्य प्रदेश के आर्थिक हालात खस्ता हैं और ऐसे में राज्य ने 3 और 10 अप्रैल को एक-एक हजार करोड़ का एडवांस कर्ज लिया. मध्य प्रदेश सरकार ने मई महीने में भी एक हजार करोड़ रुपये का एडवांस कर्ज लेने का फैसला लिया है.  

अनुराग जैन ने बताया, “स्वास्थ्य विभाग को अतिरिक्त एक हजार करोड़ रुपये दिए हैं. दूसरे विभागों के खर्च की एक सीमा तय की गई है. आने वाले समय में हो सकता है कि दूसरे विभागों के खर्च में कटौती करनी पड़े.”

हालांकि, मध्य प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव होने हैं और इन क्षेत्रों में मुफ्त में चीजें बांटी जा रही हैं. इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी पुरानी संबल योजना भी फिर से लागू की है, जिसके तहत पांच मई को उन्होंने 41 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं.

इस बीच राज्य को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पिछले दो सीजन का प्रीमियम भी चुकाना पड़ा है. शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर प्रीमियम ना चुकाने का आरोप लगाते हुए 2,200 करोड़ रुपये चुकाए हैं. हालांकि, कमलनाथ ने भी उन्हें ध्यान दिलाया कि जब 2018 में कांग्रेस सत्ता में आई थी तो दो प्रीमियम भुगतान पिछली सरकार के बाकी थे. फिलहाल सरकार को एक सीजन के प्रीमियम का भुगतान और करना है.

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चार मई को खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने घोषणा की कि सरकार ने पिछले साल के मुकाबले 50 प्रतिशत अधिक गेंहू प्राप्त किया है. इसका मतलब है कि सरकार को अब किसानों को भी अधिक पैसे देने पड़ेंगे.

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सलाह दी है कि एसजीएसटी का आधा हिस्सा टैक्स छूट के रूप में व्यापारियों और उद्योगों को दिया जाए.

महमारी के इस संकट के बीच राज्य अपने इन बद्तर आर्थिक हालात से कैसे निपटेगा, यह देखने वाली बात होगी.