EID 2020: घर पर नमाज, दूर से मुबारकबाद

Eid in Bhopla: डिस्‍टेंस के साथ दिल से ईद मुबारक कहा जा रहा है

Publish: May 26, 2020, 02:15 AM IST

Coronavirus का असर ईद पर भी दिखाई दे रहा है। यह पहला मौका है जब भोपाल सहित मध्‍यप्रदेश में अधिकांश जगहों पर ईद की नमाज घरों में पढ़ी गई और सार्वजनिक रूप से मिलने की जगह घर जाकर सोशल डिस्‍टेंस के साथ दिल से ईद मुबारक कहा जा रहा है। रिश्तेदारों और परिजनों को फोन पर तथा लाइव चैट के जरिए ईद मुबारक कहा गया। भोपाल में कलेक्‍टर तरुण पिथोड़े और डीआईजी इरशाद वली ने शहर काजी काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी के घर जा कर उन्‍हें ईद की मुबारकबाद दी।

ईद पर की गई अपीलों का असर हुआ है। रोजेदारों ने इस बार घर पर ही मोबाइलों में देखकर ख़ुत्बा पढ़ा है। मस्जिदों में केवल 2 से पांच सदस्यों ने ईद की नमाज पढ़ी है। सोशल डिस्टेनसिंग को ध्यान में रखते हुए रोजेदारों ने इस बार गले मिलने की परंपरा को दरकिनार कर दूर से ही एक दूसरों को ईद की मुबारकबाद दी ताकि इस संकट के दौर में संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके।

मोबाइल फ़ोन में देखकर पढा खुत्बा

ईद में जहां हर बार रोज़ेदार मस्जिदों में ईद की नमाज पढ़ने जाते थे वहीं इस बार संकट के दौर से गुजर रहे इंसानियत को बचाने हेतु लोगों ने घरों पर ही नमाजें अदा की है। बता दें ईद की नमाज आमदिनों के नमाज़ों से विशेष होती है इसलिए अधिकतर लोगों को यह पढ़ने नहीं आता। लेकिन इंसानियत को बचाने के लिए रोजेदारों ने इस बार दिशा-निर्देशों को पालन करते हुए घरों पर ही नमाजें पढ़ी हैं। रोज़ेदारों ने ईद की नमाज घरों में पढ़ने का तरीका ढूंढ लिया है। कई जगहों पर लोगों ने घर में मोबाइल या किताबों से देखकर ख़ुत्बा पढ़ा। वहीं जिन्हें परेशानी हुई उन्होंने दो-चार रकात नमाज चाश्त पढ़ी।

संक्रमण से मुक्ति और खुशहाली की दुआएं मांगी

इस बार की ईद कई मायनों में विशेष है। ईद पर इबादत कर अल्लाह से मानव जाति को कोरोना संक्रमण से मुक्ति देने की दुआएं मांगने के साथ मुल्क की खुशहाली एवं तरक्की की प्रार्थन की गई।

सोशल डिस्टेंसिंग मजहबी दायित्व

भोपाल शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने ईद की मुबारकबाद देते हुए सोशल डिस्टेनसिंग को अमल में लाने के सरकारी निर्देश को पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पैगम्बर साहब ने इसे मजहबी दायित्व बताया है। उन्होंने इस बार के ईद को अनूठा बताते हुए कहा, 'ये महामारी हमारे सामने न केवल एक चुनौती है, बल्कि हमारे संयम का भी इम्तिहान है। इन बंदिशों के बाद भी इबादत में कोई कमी नहीं होगी, हम घरों में अपने परिवारों के साथ इबादत करेंगे।

पकवानों पर भी दिखा असर

लॉकडाउन का असर ईद के पकवानों पर भी पड़ा है। कुछ लोगों के पास दो महीनों से काम बंद रहने के कारण इतने पैसे नहीं थे कि हर बार की तरह इस बार भी ढेरों पकवाने बनाई जाए वहीं कुछ लोग समानें न मिल पाने के कारण कई लजीज व्यंजनों को नहीं बना पाए। हालांकि भोपाल के कोलार में रहने वाली डॉ नसरीन अंसारी ने बताया कि हमने विशिष्ट पकवानों को बनाया है परंतु लोगों की ख्वाहिशें कहां कम होती है ? उन्होंने कहा यह सच है कि हर बार की तरह लोगों अनेक व्यंजन नहीं बनाए हैं फिर भी उत्सव और उत्साह में कोई कमी नहीं है।

पोशाकों में मास्क ने ली जगह

ईद में हर बार की तरह इस बार लोगों के पास नए कपड़े और नई टोपियां भले न हो पर लोगों ने पहनावे में मास्क को जरूर सम्मिलित किया है। इस्लामिक स्कॉलर व आलिम मोहम्मद आसिफ हसनैन ने बताया कि पैगंबर साहब ने हदीश में छींक आने के दौरान मुंह पर कपड़ा रखने का हुक्म दिया है। उन्होंने कहा, 'हदीश में पैगंबर साहब का साफ हुक्म है कि बात करने के दौरान अगर किसी को छींक आती है तो वो या तो मुंह पर हाथ अथवा कपड़ा रखे या फिर लेफ्ट या राइट की ओर अपना चेहरा घुमा ले ताकि सामने वाले इंसान को तकलीफ़ न हो। ऐसे में इस बार संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लोगों को घरों में और बाहर मास्क लगाए रखना चाहिए ताकि खुद की सेहत और परिवार की सेहत पर कोई आंच न आए।