BJP में बगावत, जिलाध्यक्ष नियुक्ति से नाराजगी

वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने लिखा राष्ट्रीय अध्यक्ष को खत, प्रदेश संगठन महामंत्री पर आरोप

Updated: Dec 18, 2020, 01:05 PM IST

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने अपने 24 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की है। लेकिन इस घोषणा के साथ ही ग्वालियर में खासा विवाद हो गया है। यहां विवादित चेहरे कमल माखीजानी को जिलाध्यक्ष बनाये जाने पर पार्टी के भीतर ही सवाल उठे हैं। इस विषय पर पार्टी के कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने कहा है कि जिस व्यक्ति की छवि पर ही दाग हो और जिन पर अपने ही नेताओं का नाम बदनाम करने का आरोप हो ऐसे व्यक्ति को संगठन की कमान देना अनुचित है।

संगठन में बदलाव और उसकी शिकायत राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष तक पहुंचने से जाहिर है कि भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। विशेष तौर पर आने वाले उपचुनाव में ज्यादातर सीटें ग्वालियर चम्बल इलाके में हैं। ऐसे में संगठन में मचा घमासान उपचुनाव तक तूफ़ान का रूप ले सकता है।

 

क्या लिखा है पत्र  में : -

ग्वालियर जिला मध्य प्रदेश एक महत्वपूर्ण जिला है, यहां से प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई एवं कैलाशवासी श्रद्धेय राजमाता श्री विजया राजे सिंधिया जी का गृह नगर है यहां पर संगठन एवं सत्ता के निर्णय अभी तक वरिष्ठ नेताओं की रायशुमारी से होते रहे हैं, ग्वालियर का मध्य प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान है लेकिन पिछले तीन-चार वर्षो में ऐसा देखा जा रहा है कि यहां पर आने वाले संभागीय संगठन मंत्री एवं प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सुहास भगत सह संगठन मंत्री श्री अतुल राय जब से आए तभी से मध्य प्रदेश का संगठन कमजोर होता गया हैं। दोनों की हठधर्मिता के कारण मध्यप्रदेश में सीटों के बंटवारे को लेकर अड़ियल रुख अपनाया गया जिसकी वजह से मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं बन पाई थी चुनाव के बाद टिकट बेचने के आरोप प्रत्यारोप में फंसे सुहास भगत जी के खास सिपहसालार अतुल राय को हटाया गया लेकिन श्री सुहास भगत जी को उस समय नहीं हटाया गया आज वही श्री सुहास भगत जी ने संगठन में इतना ज्यादा  हस्तक्षेप किया की मंडलों के चयन भी ठीक प्रकार से नहीं हो पाए ग्वालियर में तीन मंडल नए बनने थे एवं मंडल अध्यक्षों की उम्र सीमा 40 वर्ष निर्धारित की गई थी ऐसा श्री सुहास भगत जी ने स्वयं कैंसर पहाड़ी पर संभागीय बैठक में बोला था, लेकिन सभी मंडल अध्यक्ष बिना रायशुमारी के 40 से 45 की उम्र के बनाए गए आज फिर जिलाध्यक्ष के मनोनयन में श्री सुहास भगत जी ने अपनी तानाशाही एवम वर्तमान सांसद विवेक शेजवलकर जी से अपना रिश्ता निभाते हुए ऐसे महामंत्री को जिले की कमान सौंपी जिससे पूरे शहर में वातावरण दूषित हुआ इस घोषणा में उनके रिश्तेदार ग्वालियर के सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर जी की अहम भूमिका रही जबकि ग्वालियर के जिला अध्यक्ष द्वारा तीन नामों का जो पैनल वरिष्ठ नेतृत्व से चर्चा करके भेजा गया था उसे दरकिनार किया गया जिससे आज पूरे ग्वालियर में वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता आक्रोशित हैं यह महामंत्री पहले भी विवादास्पद रहा है।

 इसने प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के खिलाफ भी प्रेस में बयान दर्ज कराया था। घोषणा से 1 दिन पहले ग्वालियर पुलिस के टीआई को अनैतिक कार्य के लिए दबाव बनाया जब टीआई ने मना किया तो उसे मां बहन की गाली दी गई जो प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई और जिसकी ऑडियो क्लिपिंग भी मौजूद हैं लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी पूरे ग्वालियर के समाचार पत्रों में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भाजपा की किरकिरी हो गई थी यह महामंत्री कह चुका था उसके पश्चात भी , श्री सुहास भगत जी ने अपनी हठधर्मिता के कारण दूसरे दिन ही बिना किसी से पूछे जिला अध्यक्ष घोषित कर दिया गया आज ग्वालियर में सभी नेता एवं कार्यकर्ता अचंभित हैं अब श्री सुहास भगत एवं प्रदेश के अध्यक्ष किसी का फोन नहीं उठा रहे ग्वालियर में 2 सीटों पर उपचुनाव होना है उस उपचुनावों की भी चिंता इन्होंने नहीं कि यह प्रदेश संगठन मंत्री जब भी ग्वालियर आते हैं तो किसी बड़े होटल में रुकने की मांग करते हैं लेकिन किसी भी ग्वालियर के वरिष्ठ नेताओं से या जिले के या मंडल के पदाधिकारियों से मिलना उचित नहीं समझते।

आप भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं इसलिए आपको यह अवगत कराना आवश्यक है कि अब ग्वालियर जिले में अध्यक्ष को नहीं बदला गया एवं श्री सुहास भगत जी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई तो ग्वालियर शहर के सभी वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता आगामी कार्यवाही के लिए स्वतंत्र रहेंगे अतः श्रीमान से आग्रह है कि शीघ्र अति शीघ्र उचित कार्रवाई करने का कष्ट करें।