इमरती देवी पर फंस गया पेंच!

मध्यप्रदेश में इमरती देवी को मंत्री बनाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी में एक राय नहीं बन पा रही है।

Publish: May 08, 2020, 05:59 AM IST

मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया है। कांग्रेस पार्टी के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बना ली है। इस सरकार को बनाने में बड़ा योगदान रहा है ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों का, जिन्होंने अपना इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने में मदद की। इसके बाद कहा जा रहा था कि जिन मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है उनको फिर से मंत्री बनाया जाएगा। अब तक यह बात निर्विवाद थी। लेकिन अब एक नाम पर पेंच फंस गया है। सिंधिया समर्थकों को इस बात में कोई शक नहीं था कि जो मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुट के थे, वे फिर मंत्री बनने जा रहे हैं। लेकिन भाजपा संगठन अब इमरती देवी के नाम से सहमत होते हुए नहीं दिख रहा।

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दरअसल मध्यप्रदेश में इमरती देवी को मंत्री बनाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी में एक राय नहीं बन पा रही है। सूत्र यह भी बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस मंशा से अवगत करा दिया है। सिंधिया से कहा गया है कि यदि वे चाहें तो अपने कोटे से किसी और नाम दे दें। इसके पीछे बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि जिस समय इमरती देवी कांग्रेस की सरकार में मंत्री थीं तो उनके बयानों से कांग्रेस पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ती थी। गणतंत्र दिवस पर दिए गए भाषण को भी वे पूरा पढ़ने में सक्षम नहीं थी। सरकारी स्तर पर भी महिला एवं बाल विकास जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलने पर उनकी बयानबाजी और नासमझी कांग्रेस को मुश्किल में डालती रही। 

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इस वजह से भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता चाहते हैं कि इमरती देवी मंत्री मंत्री न बनें। भले ही उनकी जगह किसी और को मंत्री बना दिया जाए। सूत्र बताते हैं कि यह जानकारी जब इमरती देवी को लगी तो वे सक्रिय हो गई हैं। इसीलिए वे बुधवार को पहली बार मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में पहुंची। यहां पर उन्होंने वर्तमान में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के साथ मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा से मुलाकात की और मंत्री बनाए जाने को लेकर चर्चा की है। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि मंत्री बनाने का निर्णय मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के संगठन का है। इसके पहले वह यह बयान दे चुकी थी कि वह 25 अप्रैल तक मंत्री बन जाएगी लेकिन अब तक मंत्री नहीं बनी है। इमरती देवी के ताजा बयान से साफ हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में उनका मंत्री बनना मुश्किल हो रहा है। भाजपा में मचे इस घमासान से कांग्रेस पार्टी खुशी जाहिर कर रही है कि जिस तरीके से विधायकों ने सिंधिया के दबाव में आकर पार्टी को छोड़ा, उसके बाद उनको जो मान सम्मान कांग्रेस पार्टी में मिल रहा था वह भी मुश्किल लगने लगा है।

दूसरी तरफ जो लोग भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे वह लोग पसोपेश में हैं कि उनको आखिर क्या मिलने वाला है और उनको क्या मिलेगा? इसी को लेकर बहस का दौर जारी है।  हालांकि लोग बताते हैं कि इमरती देवी अपने क्षेत्र में खासा प्रभाव रखती हैं और इसलिए उनको आखिरी समय तक मंत्री बनाये जाने का प्रयास सिंधिया गुट की ओर से होगा।