सरकार की आलोचना न करने की रखी शर्त, रेख़्ता के कार्यक्रम में शिरकत करने से कवि अशोक वाजपेई का इनकार

अशोक वाजपेई ने कहा कि रेख़्ता वालों ने उनसे कहा कि वे ऐसी कविता न पढ़ें जो सरकार की सीधी आलोचना करते हों, वाजपेई ने फेसबुक पोस्ट में इस बात का ज़िक्र करते हुए कार्यक्रम में शिरकत करने से मना कर दिया

Publish: Feb 24, 2023, 10:57 AM IST

नई दिल्ली। उर्दू की मशहूर वेबसाइट रेख़्ता द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने से कवि अशोक वाजपेई ने इनकार कर दिया है। कार्यक्रम से अपना नाम वापस लेते हुए कवि वाजपेई ने रेख़्ता वालों पर बड़ा गंभीर आरोप लगाया है। वाजपेई ने कहा कि रेख़्ता वालों ने उनके सामने कार्यक्रम में सरकार की आलोचना न करने की शर्त रखी, जिसके बाद उन्होंने कार्यक्रम में शिरकत करने का अपना मन बदल लिया है।

अशोक वाजपेई ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि मैं आज अर्थ और रेख़्ता द्वारा आयोजित कल्चर फेस्ट में भाग लेने नहीं जा रहा हूं क्योंकि मुझसे कहा गया कि मैं कार्यक्रम में ऐसी ही कविताएं पढूं जिसमें राजनीति या सरकार की सीधी आलोचना न हो। इस तरह का सेंसर अस्वीकार्य है। 

रेख़्ता और अर्थ द्वारा आज से दिल्ली के सुंदर नर्सरी में सांस्कृतिक फेस्ट का आयोजन किया जा रहा है। तीन दिवसीय इस फेस्ट में आज शाम साढ़े आठ बजे होने वाले एक सेशन में अशोक वाजपेई को भी शिरकत करनी थी। उनके साथ इस सेशन में बद्री नारायण, मानव कौल, धीरेंद्र कुशवाहा और अनामिका शिरकत करने वाले थे। 

चूंकि अशोक वाजपेई ने अब इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है, लिहाज़ा कार्यक्रम के आयोजकों ने भी सेशन से अशोक वाजपेई का नाम हटा दिया है। वाजपेई की जगह पर अब कार्यक्रम में अष्टभुज शुक्ला भाग लेंगे। 

अशोक वाजपेई मौजूदा सत्ता के मुखर आलोचकों में से एक हैं। उन्होंने 2015 में सत्ता के विरोध के अधिकार का समर्थन करते हुए साहित्य अकादमी पुरस्कार भी लौटा दिया था।