पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में कांग्रेस को जीत की उम्मीद, सभी कैंडिडेट्स को राजस्थान भेजने की तैयारी

पांच राज्यों में चुनावों के बाद राजस्थान बन सकता है सियासी बाड़ेबंदी का गवाह, राहुल और प्रियंका से हुई सीएम अशोक गहलोत की मुलाकात, खरीद-फरोख्त से बचने के लिए तीन राज्यों के उम्मीदवारों को भेजा जाएगा राजस्थान

Updated: Feb 28, 2022, 09:03 AM IST

नई दिल्ली। पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मणिपुर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बड़ी सफलता की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक वोटिंग के बाद पार्टी के इंटरनल रिपोर्ट्स में कहा गया है कि तीन राज्यों (पंजाब, उत्तराखंड और गोवा) में कांग्रेस सभी दलों से आगे है और यहां कांग्रेस की सरकार बनने की पूरी संभावना है। ऐसे में अब कांग्रेस हाईकमान के समक्ष एक बड़ी चुनौती खरीद-फरोख्त से पार्टी के भीतर होने वाली टूट को रोकना है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रत्याशियों को जोड़-तोड़ की राजनीति से बचाने के लिए पार्टी की ओर से बड़ा कदम उठाया जा सकता है। कांग्रेस पंजाब, गोवा और उत्तराखंड के अपने सभी कैंडिडेट्स को चुनाव परिणाम आने से पहले राजस्थान शिफ्ट कर सकती है। बताया जा रहा है कि इन तीनों राज्यों के कांग्रेस उम्मीदवारों को जयपुर या राजस्थान के किसी दूसरे शहर में बाड़ेबंदी में रखा जा सकता है।

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दरअसल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत पार्टी के अन्य बड़े नेताओं से मुलाकात की। बताया गया कि इस दौरान पांच राज्यों के चुनाव के संबंध में चर्चा की गयी है। इस दौरान पार्टी हाईकमान ने प्रत्याशियों को चुनाव नतीजे आने से पहले सुरक्षित स्थान पर रखे जाने को लेकर चर्चा की। साथ ही निर्दलीय के तौर पर चुनाव जीतने की उम्मीद वाले कुछ प्रत्याशियों को भी चिन्हित कर अपने साथ मिलाने की बात हुई है।

कांग्रेस के लिहाज से प्रत्याशियों को जोड़-तोड़ की राजनीति से बचाने के लिए राजस्थान सबसे सुरक्षित राज्य है। चूंकि वर्तमान में कांग्रेस की केवल 3 राज्यों में पूर्ण बहुमत की सरकार है, बाकी जगहों पर कांग्रेस गठबंधन में सरकार चला रही है। इन तीन राज्यों में से पंजाब में चुनाव चल रहे हैं। छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तुलना में उम्मीदवारों की बाड़ेबंदी के लिहाज से राजस्थान कई मायनों में ज्यादा सुरक्षित है। राजस्थान सीएम अशोक गहलोत राजनीति के माहिर खिलाड़ी भी माने जाते हैं और उन्हें पार्टी को इस तरह के संकटों से उबारने का लंबा अनुभव भी है।

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राजस्थान में कांग्रेस इससे पहले कई बार विधायकों की सफल बाड़ेबंदी कर चुकी है। महाराष्ट्र के सियासी संकट से लेकर गुजरात राज्यसभा चुनाव और असम विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के विधायकों और प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी राजस्थान में ही की गई थी। राजस्थान में सियासी संकट के दौरान सीएम गहलोत खुद अपने विधायकों की सफल बाड़ेबंदी कर चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मार्च 2022 में एक बार फिर से राजस्थान सियासी बाड़े बंदी का गवाह है बन सकता है।