देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला, गुजरात की ABG शिपयार्ड ने 28 बैंकों को लगाया 22,842 करोड़ का चूना

कुल 28 बैंकों के साथ हुई धोखाधड़ी, जिसमें एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, पीएनबी समेत प्राइवेट बैंक आईसीआसीआई भी शामिल हैं, सीबीआई ने मामला दर्ज कर लिया है

Updated: Feb 13, 2022, 10:45 AM IST

नई दिल्ली। देश के बैंकिंग सेक्टर में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। गुजरात की एक कंपनी ने एक दो नहीं बल्कि दो दर्जन से अधिक बैंकों को 22 हजार 842 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। इसे बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है। आंकड़ा इतना बड़ा है कि खुद सीबीआई अधिकारियों के भी होश उड़ गए।

सीबीआई ने इस मामले में ABG शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित अन्य अज्ञात पब्लिक सर्वेंट और प्राइवेट लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। करीब आठ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। 

यह भी पढ़ें: कटनी में नर्मदा परियोजना की धंसी टनल, 9 मजदूर दबे रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि ये धोखाधड़ी किसी एक बैंक के साथ नहीं, बल्कि बैंकों के समूह के साथ की गई है। कुल 28 बैंकों के साथ धोखाधड़ी हुई है, जिसमें एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, पंजाब नेशनल बैंक समेत प्राइवेट बैंक आईसीआसीआई भी शामिल हैं और साथ ही एलआईसी को भी चूना लगाया गया है।

इस घोटाले का सबसे पहला खुलासा 2020 में हुआ था जब 25 अगस्त को एसबीआई के एक डिप्टी जीएम ने सीबीआई को लिखित में शिकायत की थी। 28 बैंकों और LIC को चूना लगाने वाली दो कंपनियां हैं, लेकिन एक ही ग्रुप की, जिसका नाम है ABG शिपयार्ड और ABG इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड। CBI के मुताबिक गुजरात के सूरत की ये कंपनी पानी के जहाजों के निर्माण और उनकी मरम्मत समेत उससे जुडे़ दूसरे काम भी करती है।

यह भी पढ़ें: मैं आत्महत्या कर लूंगा, सामने दुखड़ा सुनाता रहा किसान, मंच से कांग्रेस को कोसते रहे CM शिवराज

CBI द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक जिस कार्य के लिए इस कंपनी ने 28 बैंकों से कर्ज लिया, उस कंपनी में उसे निवेश या खर्च नहीं करके बल्कि दूसरे कंपनी के मार्फत उन पैसों को घुमाकर लोन वाली कंपनी को नुकसान में दिखा दिया और अपना फायदा उठाकर उन 28 बैंकों के साथ फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। 

CBI अधिकारियों को शक है कि इस लोन को देने में बैंक के कई सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों और प्राइवेट लोगों की भी संदिग्ध भूमिका है। फर्जीवाड़े को अंजाम देने के बाद कई लोकेशन पर काफी प्रापर्टी बनाने और खरीदने का आरोप भी उस कंपनी और उसके कई निदेशकों पर लगा है, जिसे सीबीआई की टीम इसे विस्तार से तफ़्तीश कर रही है।