लाल बालू का काला धंधा, घाट पर पूजा के दौरान बरसी गोलियां, भोजपुर गैंगवार में दो लोगों की मौत

बिहार के आरा में बालू घाट पर वर्चस्व को लेकर गैंगवार, आमने-सामने होने लगी फायरिंग, दो लोगों की मौत, इलाके में तनाव का माहौल, फायरिंग का वीडियो वायरल

Updated: Jan 23, 2022, 09:09 AM IST

रोहतास। बिहार में चल रहे लाल बालू के काले धंधे में एक बार फिर माफियाओं की बंदूकें गरजी है। यहां अवैध बालू खनन और घाट पर वर्चस्व की लड़ाई को लेकर दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। भोजपुर में हुए इस गैंगवार का वीडियो सामने आया है जिसमें एक दूसरे के खून के प्यासे माफिया ताबड़तोड़ गोलीबारी कर रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ईलवर थाना क्षेत्र के राजापुर गांव दियारा स्थित कामलुचक बालू घाट का टेंडर हुआ था। यह टेंडर कामेश्वर राय के गुट को मिली थी। शुक्रवार को बालू घाट का शुभारंभ करने के लिए राय करीब ढाई सौ लोगों के साथ घाट पर पहुंचे थे। कामलुचक बालू घाट पर राय जब पूजा करवा रहे थे उसी दौरान बालू माफिया सतेंद्र पांडेय के लोग वहां पहुंच गए। जबकि सत्येंद्र पांडेय पहले से ही जेल में बंद हैं।

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बताया जा रहा है कि सत्येंद्र पांडेय गैंग के लोगों ने आते के साथ ही ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान पूजास्थल पर अफरा तफरी मच गया। कामेश्वर राय के साथ आए दो लोगों को गोली लगी और मौके पर उनकी मौत हो गई। मृतकों में यूपी के महाराजगंज के बेलभरिया गांव निवासी 34 वर्षीय दुर्गेश हैं। वो पेशे से बैंक में क्लर्क थे। फिलहाल आरा के नवादा थाना क्षेत्र के जज कोठी स्थित एक प्राइवेट बैंक में क्लर्क के रूप में तैनात थे। जबकि दूसरे मृतक पटना जिले के नौबतपुर निवासी संजीत कुमार है। वो बालू घाट पर मुंशी का काम करते थे। 

बालू घाट पर गैंगवार की सूचना मिलते ही भोजपुर एएसपी व सदर एसडीपीओ हिमांशु और कोईलवर थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस के पहुंचते ही अपराधी फरार हो गए। एसपी विनय तिवारी ने बताया कि शुरुआती जांच में अवैध खनन को लेकर गोलीबारी होने की बात सामने आ रही है। फायरिंग में संलिप्त धंधेबाजों को चिह्नित किया जा रहा है। दोनों मृतक एक ही गुट के हैं। घटनास्थल से रायफल व बंदूक के करीब छह खोखे मिले हैं।

भोजपुर जिले के में लंबे समय से सुनहरे बालू का काला खेल चलते आ रहा है। इसमें अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों की जानें जा चुकी है। जिले में करीब दर्जन भर ऐसे सक्रिय गिरोह हैं, जो गैंगवार करते हैं। माफियाओं को अधिकारी भी कुछ नहीं कर पाते क्योंकि इन्हें सफेदपोशों का भी संरक्षण मिलता रहा है। नतीजतन बंदूक के बल पर बालू से नोट छापने का खेल जारी है। जानकारी के मुताबिक 1 मई 2021 से जिले में बालू खनन पर रोक लगी थी। पिछले माह से ही बालू घाटों की बंदोबस्ती हुई है। जिस घाट पर यह वारदात हुई है, उस पर वैध रूप से अब तक तीन ट्रैक्टरों का ही चालान कटा है।