PM से ट्विटर ट्विटर न खेलें नहीं तो बदल जायेगी CM आवास की तस्वीर, बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने दी चेतावनी

संजय जायसवाल ने कहा कि जेडीयू के नेताओं को प्रधानमंत्री के साथ ट्वीट ट्वीट खेलना बंद कर देना चाहिये, अन्यथा बीजेपी के 76 लाख कार्यकर्ता इसका जवाब देना जानते हैं

Updated: Jan 17, 2022, 11:52 AM IST

पटना। बिहार सरकार के घटक दलों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। नीतीश सरकार में सहयोगी बीजेपी ने अब खुले तौर पर गठबंधन से अलग होने की चेतावनी दे डाली है। बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि अगर जेडीयू ने अपना रवैया नहीं त्यागा तो सीएम आवास की तस्वीर बदलती देर नहीं लगेगी। 

बीजेपी अध्यक्ष ने क्या कहा 
बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सम्राट अशोक लेकर जारी विवाद के बीच ट्वीटर पर जेडीयू द्वारे चलाये जा रहे ट्रेंड पर सवाल उठाये हैं। संजय जायसवाल ने ट्विट्स में प्रधानमंत्री मोदी को टैग किये जाने पर आपत्ति जताई है। बीजेपी नेता ने कहा है कि अगर जल्द ही जेडीयू के नेताओं ने यह ट्वीट ट्वीट खेलना नहीं छोड़ा तो बीजेपी के 76 लाख कार्यकर्ता अच्छी तरह से इसका जवाब देना जानते हैं।  

संजय जायसवाल अपनी एक फेसबुक पोस्ट में भड़ास निकालते हुए कहा है कि एनडीए गठबंधन को मज़बूत रखने के लिये हम सभी को मर्यादाओं को मज़बूत रखना चाहिये। बीजेपी नेता स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अब यह एकतरफा नहीं चलेगा। संजय जायसवाल ने मर्यादा का पाठ पढ़ाते हुए कहा है कि इस मर्यादा की सबसे पहली शर्त यही है कि प्रधानमंत्री से ट्विटर ट्विटर न खेलें। संजय जायसवाल ने कहा कि अगर ट्विटर ट्विटर खेल कर प्रधानमंत्री से सवाल किया जायेगा तो बिहार के 76 लाख भाजपा के कार्यकर्ता इसका अच्छे से जवाब देना जानते हैं।

संजय जायसवाल ने गठबंधन से अलग होने की धमकी देते हुए कहा कि हम हरगिज़ नहीं चाहते कि मुख्यमंत्री आवास एक बार फिर 2005 से पहले की तरह हत्या कराने, अपहरण की राशि वसूलने का अड्डा बन जाये।

क्या है मामला 

हाल ही में साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा ने सम्राट अशोक की तुलना औरंगज़ेब से कर दी थी। इसके बाद से ही बिहार सरकार में शामिल जेडीयू और बीजेपी आमने सामने हैं। जेडीयू के कई बड़े नेता दया प्रकाश सिन्हा का पद्मश्री वापस लिये जाने की न सिर्फ मांग कर रहे हैं। बल्कि बाकायदा ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति को टैग भी कर रहे हैं। जेडीयू के बड़े नेताओं का यह रवैया बीजेपी के गले नहीं उतर रहा है। यही वजह है कि खुद बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पूरे विवाद में कूदकर खुले तौर पर जेडीयू की चेतावनी दे डाली है।

बीजेपी और जेडीयू में काफी दिनों से जारी है मतभेद

हालांकि बीजेपी और जेडीयू के बीच जारी विवाद सिर्फ साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा द्वारा की गई तुलना के मसले पर नहीं है। बल्कि खींचतान का यह दौर बीते विधानसभा चुनाव के बाद से ही जारी है। गठबंधन में बीजेपी के मुकाबले कम सीटें आने के बावजूद नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी सौंपने गयी। ऐसी चर्चा है कि खुद नीतीश कुमार को परिणाम आने के बाद से ही यह अंदाज़ा लग गया था कि अब बतौर मुख्यमंत्री बीजेपी के साथ रहने पर उनका वह ओहदा नहीं रहेगा। इसलिये उन्होंने पार्टी मज़बूत करने के इरादे से खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष से इस्तीफा दे दिया। और पार्टी में बदलाव करने शुरु कर दिये।

बिहार के राजनीतिक मामलों के जानकार पत्रकारों की मानें तो खुद सीएम नीतीश कुमार ने बीते कुछ महीनों में ऐसे नेताओं को अपने साथ जोड़ा है, जो कि बीजेपी के धुर विरोधी रहे हैं। नीतीश कुमार की राजनीति पर पैनी नज़र रखने वाले कुछ पत्रकार तो यह भी बताते हैं कि जातीय जनगणना पर नीतीश कुमार का स्टैंड उनके बीजेपी से रास्ते अलग करने का बड़ा कारण बन सकता है। और यह बात न सिर्फ नीतीश कुमार बल्कि बीजेपी भी अच्छी तरह से जानती है। नीतीश कुमार के एक बार फिर पाला बदलने की संभावनाओं के बीच बीजेपी ने नीतीश कुमार पर दबाव बनाने की रणनीति अपनानी शुरु कर दी है।

यूपी चुनावों के बाद मच सकता है बिहार में सियासी बवाल 

बिहार के पत्रकारों की मानें तो बीजेपी इस समय उत्तर प्रदेश चुनावों के परिणाम आने का इंतज़ार कर रही है। उत्तर प्रदेश चुनावों में जेडीयू का अकेले लड़ना भी इस मतभेद के बढ़ने का बड़ा कारण माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर उत्तर प्रदेश में बीजेपी सत्ता में वापसी कर लेती है, तब बिहार की राजनीति में बड़ा उथल पुथल देखने को मिल सकता है।