इटावा रैली बताकर ट्वीट की पिछले साल की तस्वीर, फैक्ट चेक में पकड़ाया CM योगी का झूठ

बीते 15 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के गढ़ इटावा में किया, इसके बाद उन्होंने भीड़ दिखाने के लिए फोटोशॉप का इस्तेमाल किया, फैक्ट चेकर्स ने पकड़ा झूठ

Updated: Feb 17, 2022, 09:00 AM IST

Photo Courtesy: Twitter
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लखनऊ। देश के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प मोड़ पर है। यहां के नेताओं में झूठे दावे करने की होड़ मची हुई है। ऐसा ही एक झूठा दावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी लोकप्रियता दिखाने के लिए किया, लेकिन सफाई से काम नहीं होने के कारण अब उनकी जमकर किरकिरी हो रही है।

दरअसल, सीएम योगी 15 फरवरी को समाजवादी पार्टी के गढ़ इटावा में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। योगी की इस रैली में ज्यादा लोग नहीं आए थे। लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ दुनिया को यह बताना चाहते थे कि सपा के गढ़ में भी वे खूब लोकप्रिय हैं। इसलिए उन्होंने फोटोशॉप एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर एक फर्जी तस्वीर बनाई और उसे ट्वीट कर इटावा को धन्यवाद दिया।

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हालांकि, यह फोटोशॉप इस ढंग से किया गया था कि कोई भी देखकर बता सकता है कि इसमें कुछ गड़बड़ है। मसलन फोटो पोस्ट होते ही सोशल मीडिया पर कमेंट्स की झड़ी लग गई। विपक्ष ने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ प्रदेश में फोटोशॉप की सरकार चला रहे हैं। दरअसल, इस तस्वीर में योगी आदित्यनाथ की तस्वीर धुंधली थी, जबकि लोग क्लियर दिख रहे थे। इतना ही नहीं रैली में जुटी भीड़ भी उनकी ओर न देखकर दूसरी दिशा में देख रही थी, जबकि योगी आदित्यनाथ दूसरे दिशा से हाथ हिला रहे थे। 

न्यूज वेबसाइट बीबीसी के फैक्ट चेकिंग टीम ने जब ओपन-सोर्स फ़ोटो वेरिफ़िकेशन टूल्स और रिवर्स इमेज सर्च किया तो सीएम योगी के झूठ की पुष्टि की। जांच में पता चला कि मूल तस्वीर मथुरा की है, इटावा की नहीं। मूल फ़ोटो को न्यूज़ एजेंसी पीटीआई यानी प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया ने दिसंबर 2021 में ली थी। मज़ेदार बात ये है कि असली तस्वीर को ख़ुद योगी आदित्यनाथ भी पिछले साल दिसंबर में अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शेयर कर चुके हैं।

बता दें कि यह पहली बार नहीं जब योगी आदित्यनाथ ने ये हथकंडा अपनाया हो। फोटोशॉप के माध्यम से वे न्यूयॉर्क की फैक्ट्री, पश्चिम बंगाल के हाइवे और तेलंगाना के बांध को भी अपनी सरकार की उपलब्धि बता चुके हैं। लेकिन हर बार उनका झूठ पकड़ा जाता है और वे मखौल का पात्र बनते हैं। बहरहाल, अब सवाल ये उठता है कि सीएम योगी को हर बार फोटोशॉप की जरूरत क्यों पड़ती है?